भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रदेश में लाखों युवा अपनी पढ़ाई के बाद केवल नौकरी के इंतजार में सरकार की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। राज्य सरकार ने यह दावा किया था कि आने वाले वर्षों में लाखों नौकरियां दी जाएंगी। लेकिन दूसरी ओर, राज्य में बेरोजगारों की संख्या सरकारी आंकड़ों में 30 लाख के पार पहुंच चुकी है। 

हालांकि, इसे दूर करने के लिए अब सरकार ने हैरतअंगेज फैसला लिया है। राज्य में अब बेरोजगार युवाओं को आकांक्षी युवा कहा जाएगा। राज्य के इस फैसले से बेरोजगारी भले ही कम न हो लेकिन बेरोजगार युवा खुद को आकांक्षी युवा कहकर थोड़े देर के लिए राहत की सांस ले सकते हैं। आकांक्षी युवाओं की आकांक्षाएं कब पूरी होंगी इसे लेकर सरकार के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं है।

यह भी पढ़ें: MP: पोषण के लिए आदिवासियों को सरकार देगी दुधारू गाय, भजन-कीर्तन के लिए गांवों में बनेंगे सामुदायिक भवन

विधानसभा में सरकार के जवाब के मुताबिक, उनके पास बेरोज़गारों की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। हालांकि, प्रदेश के रोज़गार पोर्टल पर नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले युवा ही सरकार की नजर में नौकरी के आकांक्षी हैं। इस पोर्टल पर 30 लाख से अधिक युवा नौकरी की उम्मीद में आवेदन कर चुके हैं, जिनमें से अधिकांश शिक्षित हैं। बेरोज़गारी के इस संकट के बीच, नाम बदलने से हकीकत नहीं बदली है। सवाल अब भी वही है, क्या आकांक्षी युवाओं को अपनी आकांक्षाएं पूरा करने के लिए पर्याप्त अवसर हैं?

सरकार के इस नामकरण को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने भी चुटकी ली है। कांग्रेस नेता हेमंत कटारे ने ट्वीट किया, 'बेरोजगारी ख़त्म करने का भाजपा मॉडल: नाम बदलो, काम ख़त्म।।मध्य प्रदेश सरकार ने बेरोजगारी पर जो 'क्रांतिकारी' कदम उठाया है, वह इतिहास में 'सबसे आसान समाधान' के रूप में दर्ज होगा। उन्होंने बेरोजगारों को 'आकांक्षी युवा' घोषित कर दिया। बस, खेल खत्म।'

कटारे ने आगे कहा, 'अब न बेरोजगार होंगे, न बेरोजगारी होगी। यानी, समस्या नहीं सुलझानी, बस उसका नाम बदल देना। तो अब सरकारी अस्पतालों में मरीज नहीं होंगे, बस 'स्वस्थता के आकांक्षी नागरिक' होंगे। गरीबों को गरीबी नहीं सताएगी, वे होंगे 'समृद्धि के उम्मीदवार'। और भ्रष्टाचार भी खत्म! घोटालेबाज अब कहलाएंगे 'ईमानदारी के उपासक'! भाजपा सरकार के इस मास्टरस्ट्रोक के बाद, मध्य प्रदेश में अब किसी को रोजगार मांगने की जरूरत ही नहीं। क्योंकि अगर आप 'बेरोजगार' कहलाएंगे ही नहीं, तो सरकार से सवाल भी नहीं पूछ सकते।'