MP: पोषण के लिए आदिवासियों को सरकार देगी दुधारू गाय, भजन-कीर्तन के लिए गांवों में बनेंगे सामुदायिक भवन
सीएम मोहन यादव ने उन आदिवासी परिवारों की पहचान करने का निर्णय लिया है, जहां महिला और बच्चा कुपोषित हैं। ऐसे परिवारों को दुधारू गाय दी जाएगी, जिससे उन्हें पोषण के साथ-साथ आमदनी का भी साधन मिल सके।

भोपाल। मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में कुपोषण रोकना राज्य सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है। अब मोहन यादव सरकार ने कुपोषण रोकने के लिए आदिवासी परिवारों को दुधारू गाय देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही खेती को बढ़ावा देने, सामुदायिक भवन निर्माण और हर घर तक बिजली-पानी पहुंचाने जैसी योजनाएं को लेकर भी फैसले लिए गए हैं।
सीएम मोहन यादव ने बुधवार को अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन आदिवासी परिवारों की पहचान करने का निर्णय लिया गया जहां महिला और बच्चे कुपोषित हैं। ऐसे परिवारों को दुधारू गाय दी जाएगी, जिससे उन्हें पोषण के साथ-साथ आमदनी का भी साधन मिल सके। इस योजना को पशुपालन विभाग की सब्सिडी योजनाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि अधिक से अधिक परिवारों को इसका लाभ मिल सके।
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सीएम मोहन यादव ने कहा कि आदिवासी परिवारों का समग्र कल्याण सुनिश्चित करना आवश्यक है। इसके लिए उन परिवारों को चिह्नित किया जाए, जिनके घर का बच्चा कुपोषित है और माता भी कमजोर है। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी और स्वास्थ्य भी सुधरेगा। पशुपालन विभाग द्वारा सब्सिडी पर गाय, भैंस और बकरी पालन की सुविधा देने का प्रावधान किया गया है, और इसी के तहत यह योजना लागू की जाएगी।
यादव ने कहा कि आदिवासी वर्ग के सभी पात्र हितग्राहियों को पक्का आवास उपलब्ध कराया जाना चाहिए। कोई भी हितग्राही सरकारी योजना के तहत आवास पाने से वंचित न रहे। यदि किसी कारणवश कोई आदिवासी हितग्राही आवास प्राप्त करने से रह जाता है, तो उसे प्रधानमंत्री आवास योजना या मुख्यमंत्री आवास योजना की शर्तों के आधार पर पक्का घर दिलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय गांवों में टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए शासन स्तर पर प्रयास किए जाएं। भूमि के अनुरूप फसलों का चयन करने के लिए मिट्टी का परीक्षण किया जाए और किसानों को बताया जाए कि कौन-सी फसल उनके लिए अधिक लाभकारी होगी। इसके अलावा, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के लिए सेमिनार आयोजित किए जाएं।
सीएम यादव ने अधिकारियों से कहा कि आदिवासी गांवों में पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन और बैठकों के आयोजन के लिए सामुदायिक भवन बनाए जाएं। इससे आदिवासी संस्कृति समृद्ध होगी। उन्होंने 'जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान' के तहत प्रदेश के 11,377 चयनित आदिवासी गांवों में उगाई जाने वाली रागी, कोदो-कुटकी जैसे मोटे अनाज (मिलेट्स) की सरकारी खरीद के निर्देश भी दिए।