मध्यप्रदेश में सौ फीसदी अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य करने के एक दिन बाद ही फिर से कोरोना प्रभावित अफसर की खबर सामने आई है। प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग में पदस्थ ओएसडी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। गुरूवार को ओएसडी सुनील कुमार पारे की रिपोर्ट पॉजिटिव आने की खबर ने विभाग की अधिकारियों और कर्मचारियों की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विभाग ने ओएसडी को इलाज के लिए उन्हें चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया है, वहीं सुनील पारे के कार्यालय में पदस्थ सभी कर्मचारियों को घर पहुंच कर क्वारेंटाइन में रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम अब सुनील पारे की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री का भी पता लगा रही है।

गौरतलब है कि 20 मई को ही राज्य शासन ने मंत्रालय सहित अन्य  स्तरीय कार्यालयों में कर्मचारियों की 50 प्रतिशत और अधिकारियों की शत प्रतिशत उपस्थिति निर्देश जारी किए थे। इसके बाद गुरूवार को पूरी संख्या में कर्मचारी और अधिकारी कार्यालय पहुंचे थे।   

स्वास्थ्य और पुलिस विभाग में फैला संक्रमण

कोरोना संक्रमण ने कोरोना वारियर्स को भी अपनी चपेट में लिया है। मध्य प्रदेश के स्वास्‍थ्य विभाग पर कोरोना संक्रमण की सबसे ज्यादा मार पड़ी है। यहां पर संक्रमण तेजी से फैला और 100 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी चपेट में लिया है। जिनमें प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पल्लवी जैन गोविल और स्वास्थ्य निगम के एमडी जे.विजय कुमार भी थे। इनके अलावा विभाग की अतिरिक्त निदेशक डॉ.वीना सिन्हा भी संक्रमण की चपेट में आ गईं, हालांकि ये सभी इलाज के बाद स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं। वहीं पुलिस विभाग के कोरोना वारियर्स भी इससे बच नहीं सके। प्रदेश के दो आईपीएस अफसर सहित कई  लोग संक्रमण की जद में आ चुके हैं। गौरतलब है कि अप्रैल में कोरोना से जंग लड़ते हुए इंदौर में जूनी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर देवेंद्र चंद्रवंशी और उज्जैन के नीलगंगा थाना टीआई यशवंत पाल की जान चली गई।