मध्यप्रदेश साइबर सेल ने प्रदेश के तीन हज़ार डेबिट और क्रेडिट कार्ड का डाटा इंटरनेशनल वेबसाइट पर उपलब्ध होने का बड़ा खुलासा किया है। दरअसल  मार्च में ठगी के एक मामले में उज्जैन में साइबर सेल ने चार आरोपियों मोहम्मद शादाब, मती उल्लाह खान, फिरोज आलम और फैजल मोहम्मद को पकड़ा था। पूछताछ में इन आरोपियों ने खुलासा किया कि आरोपी डीपवेब और डार्कनेट वेबसाइट से आठ डॉलर में  डेबिट और क्रेडिट कार्ड का डाटा खरीदते थे। इस खुलासे के बाद एसपी साइबर सेल ने मामले की जांच की ज़िम्मेदारी एएसआई रामप्रकाश वाजपेई को सौंपी। मामले की जब बारीकी से जांच की गई तो भारत के कुल 13 हजार कार्ड और प्रदेश के तीन हजार कार्ड का डाटा इंटरनेशनल साइट पर मिला। इन कार्ड से बिना ओटीपी आए ट्रांजेक्शन हो सकता है। इसमें से 334 कार्ड इंदौर के लोगों हैं। साइबर सेल अब लिस्ट सोशल मीडिया पर भेजकर इन लोगों के बैंक से संपर्क कर कार्ड ब्लॉक करवा रही है।

साइबर सेल के मुताबिक जिन लोगों के कार्ड नंबर इन वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, उनके साथ धोखाधड़ी होने की आशंका बढ़ गई है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन की सुविधा को बहुत जरूरी होने पर ही शुरू रखें अन्यथा इसे बंद करवा दें। साथ ही जिन कार्डधारकों के नाम लिस्ट में हैं, वे तत्काल बैंक से संपर्क कर कार्ड ब्लॉक करवाने की सलाह दी है। इंटरनेशनल वेबसाइट पर कार्ड का नंबर और कार्ड के पीछे दर्ज सीवीवी कोड से ही भुगतान हो जाता है। इससे कार्डधारक के पास ओटीपी भी नहीं आता है और धारक को पता भी नहीं चलता है। आखिरी में बिल आने पर इसका पता चलता है।