इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ताजा मामला शहर की प्रतिष्ठित कंपनी पीडी अग्रवाल एंड कंपनी के साथ हुए साइबर फ्राड का है। ठगों ने कंपनी के अकाउंटेंट को मालिक के नाम से मैसेज भेजकर 19 लाख रुपए एक खाते में ट्रांसफर करवा लिए। बाद में पता चला यह खाता बिहार के किसी मजदूर का है।

जानकारी के अनुसार पीडी अग्रवाल एंड कंपनी की अकाउंटेंट दीपा को कंपनी के डायरेक्टर के नाम से मैसेज आया था जिसमें लिखा था कि इस अकाउंट में 19 लाख रुपए ट्रांसफर कर दो मैं अभी मीटिंग में हूँ जल्दी पैसे भेजो। जिस नंबर से मैसेज आया था उसपर डीपी पर डायरेक्टर की फोटो लगी थी। इसपर दीपा ने पुष्टि करने के लिए डायरेक्टर के ड्राइवर को फोन करके पूछा तो ड्राइवर ने बताया कि वे अभी मीटिंग में ही हैं। 

दीपा ने इसके बाद दिए गए खाते में पैसे भेज दिए। कंपनी के डायरेक्टर ने कुछ दिनों बाद जब दीपा से हिसाब मांगा तब जाकर इस मामले का खुलासा हुआ जिसके बाद दीपा ने इंदौर में साइबर पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि वह खाता बिहार के मजदूर के नाम पर था। जब पुलिस ने मजदूर तक पहुंची तो उसे पता ही नहीं था कि उसके नाम से खाता बना है और उसके साथ साइबर फ्राड हो गया है। मजदूर के खाते से यह पैसे अलग अलग खातों में ट्रांसफर कर लिए गए थे। और मजदूर का खाता खाली कर दिया गया था।

तुकोगंज थाना प्रभारी जितेन्द्र यादव के मुताबिक मजदूर के खाते से जिन खातों में पैसे भेजे गए उनके पते पर जब पुलिस पहुंची तो वहां कोई नहीं मिला। पुलिस ने इसके बाद खाते धारकों के खिलाफ 420 बी धारा के तहत साइबर फ्रॉड का मामला दर्ज कर लिया है। यह सभी खातेधारक उड़ीसा,उत्तराखंड, और बिहार के हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।