भोपाल। कोरोना महामारी के बीच मध्यप्रदेश के जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल का आज आठवां दिन है। राज्य सरकार जुड़ा के इस आंदोलन को कुचलने में जुटी है वहीं अन्य प्रदेशों के डॉक्टर्स जूडा के साथ सॉलिडेरिटी दिखा रहे हैं। मामला देश की राजधानी दिल्ली तक जा पहुंचा है। दिल्ली स्थित एम्स और सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों में मध्यप्रदेश के जूनियर डॉक्टरों का पूर्ण समर्थन किया है।

मध्यप्रदेश सरकार के अड़ियल रवैए के बीच जूडा ने भी स्पष्ट कर दिया है की वे अपनी मांगों से पीछे नहीं हटने वाले। मध्यप्रदेश जूडा के समर्थन में दिल्ली स्थित एम्स और सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने कल शाम एक कैंडल मार्च निकाला था। इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में डॉक्टरों ने एमपी जूडा के साथ एकजुटता दिखाई और कहा कि जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन की मांगें बिल्कुल जायज है।

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इसके पहले जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी समर्थन किया था। एसोसिएशन ने जूनियर डॉक्टर्स की मांगों को जायज बताते हुए कहा है, ‘राज्य की सरकार को जूनियर डॉक्टर्स की मांगों को बिना देर किये मंजूर करनी चाहिये।’ साथ ही मध्यप्रदेश की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और मेडिकल ऑफ़िसर्स एसोसिएशन ने भी जूडा के हड़ताल का समर्थन कर दिया है। दोनों एसोसिएशन ने सरकार से कहा है कि मांगें पूरा नहीं होने की स्थिति में हम भी हड़ताल पर चले जायेंगे। 

दरअसल, अपनी मांगें पूरी न होते देख मध्यप्रदेश के करीब तीन हजार जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद इनमें से 28 डॉक्टरों का इस्तीफा गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल ने स्वीकार कर लिया। और अब इन्हें होस्टल खाली करने को विवश किया जा रहा है। खास बात यह है कि इनमें सभी 28 डॉक्टर्स जुडा के सदस्य हैं। इस्तीफा स्वीकार करने से पहले सरकार ने यह नियम निकाली है कि जो भी डॉक्टर बीच में अपनी सीट छोड़ेंगे, उन्हें बांड की राशि भरनी होगी। बांड की राशि 10 से 30 लाख रुपये के बीच है। माना जा रहा है कि यह निर्देश डॉक्टरों को मजबूर करने का एक हथकंडा है।

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राज्य के 6 मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के इस प्रदर्शन में अनोखे दृश्य देखने को मिल रहे हैं। बॉन्ड भरने की जब बात सामने आई तब डॉक्टरों ने कटोरा लेकर भीख मांगना शुरू कर दिया। होस्टल खाली करने के लिए नोटिस मिलने पर डॉक्टरों ने पोस्टर्स में लिखा "मूंगफली में दाना नहीं, तुम हमारे मामा नहीं"। इसके पहले भोपाल में डॉक्टरों ने जीएमसी के बाहर खून से लथपथ अपने एप्रिन टांग दिए थे। उधर इंदौर में डॉक्टरों ने फिल्मी अंदाज में सरकार को जगाने का प्रयास किया। डॉक्टरों ने यहां थ्री इडियट्स का गाना "सारी उम्र हम, मर-मर के जी लिए" गाकर विरोध किया। राजधानी भोपाल में आज डॉक्टरों ने पुष्प अर्पित कर सरकार को श्रद्धांजलि दी और थाली बजाकर विरोध किया।