कोरोना योद्धाओं के आंदोलन को कुचलने में जुटी शिवराज सरकार, डॉक्टरों को होस्टल खाली करने का फरमान

मध्यप्रदेश में जूनियर डॉक्टरों और सरकार के बीच टकराव जारी, अस्पतालों में भर्ती मरीजों को चुकानी पड़ रही है कीमत, 28 डॉक्टरों को हॉस्टल खाली करने का नोटिस

Publish: Jun 06, 2021, 07:52 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
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भोपाल। मध्यप्रदेश में जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल का आज सातवां दिन है। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अपनी मांगों से पीछे हटने से इनकार कर दिया है, उधर राज्य सरकार ने भी अड़ियल रुख अपना रखा है। कोरोना संकट काल में डॉक्टरों और सरकार के बीच जारी गतिरोध का खामियाजा प्रदेश के हजारों मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। उधर शिवराज सिंह चौहान की सरकार अब डॉक्टर्स के इस आंदोलन को कुचलने में जुट गई है।

दरअसल, अपनी मांगें पूरी न होते देख मध्यप्रदेश के करीब तीन हजार जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद इनमें से 28 डॉक्टरों का इस्तीफा गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल ने स्वीकार कर लिया। और अब इन्हें होस्टल खाली करने को विवश किया जा रहा है। खास बात यह है कि इनमें सभी 28 डॉक्टर्स जुडा के सदस्य हैं। इस्तीफा स्वीकार करने से पहले सरकार ने यह नियम निकाली है कि जो भी डॉक्टर बीच में अपनी सीट छोड़ेंगे, उन्हें बांड की राशि भरनी होगी। बांड की राशि 10 से 30 लाख रुपये के बीच है।

गांधी मेडिकल प्रबंधन के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बॉन्ड की राशि भरने और होस्टल खाली करने का निर्देश डॉक्टरों को मजबूर करने का हथकंडा है। सरकार को पता है कि शहर में इनके रहने का ठिकाना नहीं है, बॉन्ड भरने के पैसे नहीं हैं, ऐसे में हड़ताल रोकने को मजबूर होंगे ही। उधर जिन 28 डॉक्टरों को हॉस्टल खाली करने के लिए कहा गया है उन्होंने कुछ समय की मोहलत मांगी है।

जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अपनी मांगों से इसबार पीछे नहीं हटेंगे। डॉक्टरों ने अपना विरोध प्रदर्शन भी तेज कर दिया है। इसी बीच जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी समर्थन किया है।  एसोसिएशन ने जूनियर डॉक्टर्स की मांगों को जायज बताते हुए कहा है, ‘राज्य की सरकार को जूनियर डॉक्टर्स की मांगों को बिना देर किये मंजूर करनी चाहिये।’ 

इसके अलावा मध्यप्रदेश की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और मेडिकल ऑफ़िसर्स एसोसिएशन ने भी जुडॉ के हड़ताल का समर्थन कर दिया है। दोनों एसोसिएशन ने सरकार को जूनियर डॉक्टर्स की मांगें मंजूर करने के लिये 48 घंटों का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि मांगें पूरा नहीं होने की स्थिति में हम भी हड़ताल पर चले जायेंगी। उधर ग्वालियर में जुडा का समर्थन करने वाले 46 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया है।

मूंगफली में दाना नहीं, तुम हमारे मामा नहीं

राज्य के 6 मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के इस प्रदर्शन में अनोखे दृश्य देखने को मिल रहे हैं। बॉन्ड भरने की जब बात सामने आई तब डॉक्टरों ने कटोरा लेकर भीख मांगना शुरू कर दिया। होस्टल खाली करने के लिए नोटिस मिलने पर डॉक्टरों ने पोस्टर्स में लिखा "मूंगफली में दाना नहीं, तुम हमारे मामा नहीं"। भोपाल में कल डॉक्टरों ने जीएमसी के बाहर खून से लथपथ अपने एप्रिन टांग दिए थे। उधर इंदौर में डॉक्टरों ने फिल्मी अंदाज में सरकार को जगाने का प्रयास किया। डॉक्टरों ने यहां थ्री इडियट्स का गाना "सारी उम्र हम, मर-मर के जी लिए" गाकर विरोध किया। राजधानी भोपाल में आज डॉक्टरों ने पुष्प अर्पित कर सरकार को श्रद्धांजलि दी। उनका कहना है कि ये वही फूल हैं जो कोरोना योद्धाओं पर सरकार ने बरसाए थे।