भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने घोषणा की है कि सरकारी नौकरियां अब केवल स्थानीय युवाओं को ही मिलेंगी। इस पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि  शिवराज सिंह चौहान 15 सालों से किस बात का इंतज़ार कर रहे थे? उनकी पूर्व घोषणाओं का हश्र देखते हुए दिग्विजय सिंह ने संदेह जताया है कि जब तक इसका शासकीय आदेश नहीं निकलेगा तब तक इस वादे पर कैसे भरोसा किया जाए?



राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि शिवराज सिंह ने यह घोषणा कर उनकी माँग मान ली है। इसके लिए उन्होंने सीएम को धन्यवाद दिया। दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में व्यापम घोटाले और नौजवानों के साथ नाइंसाफी का जिक्र करते हुए इसका जिम्मेदार बीजेपी सरकार को बताया। उन्होंने ने सवाल उठाया कि बीजेपी सरकार को इस घोषणा के लिए 15 वर्षों तक किस बात का इंतज़ार था। 





आपको बता दें कि दिग्विजय सिंह लगातार प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरी देने के पक्षधर रहे हैं। कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार ने ही प्रदेश में स्थानीय युवाओं को रोजगार की शुरूआत की थी, लेकिन बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने इस फैसले को बदल दिया था। 



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वहीं पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने सरकार के इस फैसले को कांग्रेस की जीत बताते हुए स्वागत किया है। उनका कहना है कांग्रेस ने शुरु से इस बात का मुद्दा उठाया था कि एमपी बोर्ड से पास बच्चों को ही प्रदेश में सरकारी नौकरी दी जाए। पीसी शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय को बधाई देते हुए कहा है कि आपकी नीति एवं मांग पर बीजेपी सरकार झुक गई है। 





वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की इस घोषणा पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि यह केवल घोषणा ही है क्योंकि राज्य में सरकारी भर्तियां हो ही नहीं रही हैं। जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज को घोषणावीर कहा है। उनका कहना है कि मध्य प्रदेश में 50 हजार से ज्यादा सरकारी पद खाली हैं। जिन्हे भरने की प्रक्रिया शुरू नहीं होती तो ऐसी घोषणाओं का कोई अर्थ नहीं है।