जबलपुर। पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह मंगलवार को जबलपुर पहुंचे। यहां बजट के विरोध में नगर निगम सदन में धरने पर बैठे कांग्रेस पार्षदों से उन्होंने मुलाकात की। साथ ही उन्होंने भी पार्षदों के संग धरना दिया। सिंह ने कहा कि सभी सदनों में सरकार का यही रवैया है। वह जनता से जुड़े मुद्दे पर जवाब देना नहीं चाहते।
सिंह ने शहर में जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता को भी संबोधित किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस दौरान ईवीएम पर अविश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आज मैं हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रहा हूं, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर जो अविश्वास है, उसका जवाब ना हीं चुनाव आयोग दे रहा है और ना हीं सरकार।
सिंह ने कहा कि 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट का जो आर्डर निकाला है उस फैसले को ईमानदारी से चुनाव आयोग पालन नहीं करवाया है। इसके अलावा ऐसे कई मुद्दे हैं जिसके आधार पर मंगलवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रहा हूं। सिंह ने कहा कि यह हमारा हक बनता है जानने का कि हम जिसे वोट दे रहे हैं, वह जहां जाना चाहिए वह गया कि नहीं। उन्होंने कहा कि इलेक्शन फेयर एंड ट्रांसपेरेंट होना चाहिए जो कि नहीं हुआ यही वजह है कि इन सभी बिंदुओं को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा रही है।
दिग्विजय सिंह ने प्रदेश में चल रहे पौधारोपण पर भी सवाल उठाते हुए इसमें भ्रष्टाचार होने की बात कही है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि एक तरफ प्रदेश सरकार पेड़ कटवा रही है तो दूसरी तरफ पौधारोपण जैसे कार्यक्रम कर रही है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ प्रदेश मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री भी शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का पौधारोपण अभियान रिकॉर्ड बनाने के होता हैं। पौधे लगवाना, गड्डे करवाना और फिर भ्रष्टाचार करना यह अभियान यहीं तक सीमित रह गया है।
सिंह ने कहा कि 20 रुपए का गड्डा और 30 रुपए का पौधा। अनुमानित एक पौधा लगाने में 50 रुपए मध्यप्रदेश सरकार खर्च कर रही है, समझा जा सकता है कि जब पूरे प्रदेश में पौधारोपण हो रहा है तो फिर कितने करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं और सरकार क्या इसकी गारंटी लें रहीं हैं कि यह जो पौधे करोड़ों रुपए खर्च करके लगाए जा रहे हैं उसमें कितने प्रतिशत पौधे जीवित रहेंगे।