देवास। ऑनलाइन गेम्स किस कदर बच्चों की जान के दुश्मन होते जा रहे हैं, इसकी बानगी आए दिन देखने को मिल रही है। देवास में रविवार को 19 साल के एक छात्र की मौत PUBG खलते हुए हो गई। जब वह गेम खेल रहा था, तब घर में केवल उसकी भांजी थे। भांजी का कहना है कि मामा गेम खेलते हुए जोर से चीखे थे, फिर वे बेहोश हो गए। शांतिनगर निवासी दीपक दिव्यांग था, जिसके कारण वह अक्सर घर पर ही रहता था। उसे बिजी रखने के लिए घरवालों ने मोबाइल दे रखा था। जिससे उसे गेम खेलने की लत लग गई थी। वह पिछले 2-3 दिन से ज्यादा समय गेम को देने लगा था। इसी साल उसने 10वीं की परीक्षा पास की थी। उसका 11वीं में एडमीशन भी हो गया था।

 यह घटना रविवार दोपहर की है। दीपक के परिजन किसी काम से बाहर गए थे,  घर पर उसकी भांजी थी, जो उसकी चीख सुनकर उसके पास आई और पड़ोसियों को इसकी खबर दी। इतने में परिजनों को भी काम से वापस बुला लिया गया। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दीपक के पिता की मौत हो चुकी है। मां अपनी तीन बेटियों और दो बेटे के साथ रहती थी।

औद्योगिक थाना पुलिस ने अज्ञात कारणों से मौत का केस दर्ज कर लिया है। किया है। वहीं सोमवार को दीपक का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके घरवलों को सौंप दिया गया। मौत की सही वजह जानने के लिए विसरा की जांच की जा रही है।पहले PUBG पर बैन कर दिया गया था। लेकिन अब इसे फिर से नए नियमों के साथ दोबारा लॉन्च कर दिया गया है। भारत 18 साल से कम उम्र के लोगों को पेरेंट्स की अनुमति के बाद खेलने देने का नियम है।

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इनदिनों कई ऑनलाइन गेम्स ट्रेंड में हैं, जो की लोगों की जान के दुश्मन बन गए हैं। रविवार को इंदौर में एक युवती ने ऑनलाइन गेम में नुकसान होने की वजह से फांसी लगा ली थी।