राजगढ़| शहर में शिक्षा के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। यहां 'जीनियस कम्प्यूटर सेंटर' नामक संस्था पर आरोप है कि वह युवाओं को फर्जी 10वीं और 12वीं की मार्कशीट बनाकर दे रही थी। शिकायत मिलने पर कोतवाली पुलिस ने सेंटर पर छापेमारी की और संचालक कुणाल मेवाड़े को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। नाटाराम गांव निवासी कुमैरसिंह भिलाला ने आरोप लगाया कि उसने अपनी पत्नी की शिक्षा के लिए सेंटर से संपर्क किया था और 40 से 50 हजार रुपए देकर परीक्षा दिलाई। सेंटर ने उन्हें दिल्ली बोर्ड से मान्यता प्राप्त बताते हुए मार्कशीट थमा दी, लेकिन जब वह दस्तावेज आंगनबाड़ी की नौकरी में जमा किए गए, तो पता चला कि वे फर्जी हैं और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में कोई जानकारी नहीं मिली।

शिकायतकर्ता का यह भी कहना है कि सेंटर पर दिल्ली और उत्तराखंड बोर्ड के नाम से नकली मार्कशीट बनाई जाती हैं और इसके बदले में लोगों से हजारों रुपए लिए जाते हैं। इस पूरे मामले में सेंटर संचालक कुणाल मेवाड़े ने दावा किया कि उन्होंने मान्यता प्राप्त बोर्ड की मार्कशीट दी हैं, लेकिन तकनीकी कारणों से वे ऑनलाइन अपडेट नहीं हो पाईं। पूछताछ में उसने यह भी स्वीकार किया कि 10वीं की मार्कशीट के लिए 10 हजार और 12वीं के लिए 12 हजार रुपए लिए जाते हैं।

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कोतवाली टीआई वीर सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला फर्जी मार्कशीट बनाकर पैसे वसूलने का लगता है। पुलिस ने कुछ दस्तावेज और सबूत जब्त किए हैं और पूरे मामले की गहन जांच जारी है। फिलहाल संचालक से पूछताछ की जा रही है और अन्य पीड़ितों की भी पहचान की जा रही है, ताकि इस फर्जीवाड़े की पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके।