भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार अलग-अलग जातियों को साधने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है। सीएम चौहान अलग-अलग जातियों के सम्मेलन में जाकर बड़े-बड़े ऐलान कर रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को उन्होंने ब्राह्मणों को खुश करने के लिए बड़ा दांव चला है।



भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित ब्राह्मण महाकुंभ के मंच से सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि परशुराम जयंती पर पूरे प्रदेश में शासकीय अवकाश रहेगा। ब्राह्मणों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी समाजों को आगे बढ़ने का हक है। ब्राह्मण समाज भी अपनी बुद्धि के बल पर आगे बढ़ रहा है। भगवान परशुराम की जयंती हमने पिछले साल भी मनाई थी। हमने इस साल भी मनाई है। इस साल हमने तय किया है कि भगवान परशुराम की जयंती पर अब मध्य प्रदेश में शासकीय अवकाश रहेगा।



इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब मध्य प्रदेश में मंदिरों में सरकार का दखल नहीं होगा।

मंदिर की जमीन की नीलामी कलेक्टर के बजाए अब केवल पुजारी ही करेंगे। साथ ही जिन मंदिरों के पास कृषि भूमि नहीं है, वहां के पुजारियों को पांच हजार रुपए हर महीने भत्ता भी दिया जाएगा। चुनावी साल में पुजारियों को भत्ता देने की घोषणा सीएम शिवराज सिंह चौहान का बड़ा दांव माना जा रहा है। 





सीएम चौहान ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि ऐसी कोई विद्या नहीं, जिससे ब्राह्मण अछूते हैं। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों ने धर्म, संस्कृति, जीवन मूल्य और परंपराओं को संरक्षित करने का काम किया है। भगवान शंकराचार्य ने पूरे भारत को जोड़ने का काम किया है। सीएम चौहान ने इस दौरान संस्कृत विद्यालय के छात्रों को भी भत्ता देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को 8 हजार रुपए, 6 से 12 तक के विद्यार्थियों को 10 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे।



ब्राह्मण आयोग के गठन की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें कोई दिक्कत नहीं है। इसके लिए हम चर्चा करेंगे। भोपाल में ब्राह्मण समाज के बच्चों के लिए छात्रावास की मांग पर उन्होंने कहा कि उपलब्धता के आधार पर जमीन की व्यवस्था की जाएगी। वहीं, गरीब परिवार के मेधावी विद्यार्थी की पढ़ाई चाहे मेडिकल की हो, इंजीनियरिंग की हो, फ्री में कराई जाएगी।



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समाज के लोगों को टिकट की मांग पर CM बोले- ये अध्यक्ष जी जानें। लेकिन, पर्याप्त नेतृत्व रहे, इस बात की चिंता मैं भी करूंगा। मुख्यमंत्री ने मंदिरों के सर्वे कराने की मांग भी स्वीकार की। इससे पहले ब्राह्मण महाकुंभ को संबोधित करते हुए द्वारिकापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा था कि मंदिरों पर शासन करने का अधिकार सरकार को नहीं है।