छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप से अब तक करीब 21 बच्चों की मौत हो गई है। स्वास्थ विभाग की लापरवाही के कारण इन नौनिहालों को असमय जान गंवानी पड़ी। बच्चों की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दुख जताया है। साथ ही मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि छिंदवाड़ा में ज़हरीला कफ़ सिरप पीने से 21 बच्चों की मृत्यु के मामले में अब भी सरकार असंवेदनशील रवैये पर क़ायम है। उन्होंने कहा, 'मैंने सरकार से माँग की थी कि सभी मृत बच्चों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये मुआवज़ा दिया जाए। लेकिन अब तक इस माँग पर सरकार ने कार्रवाई करना तो दूर कोई प्रतिक्रिया तक व्यक्त नहीं की है।'
कमलनाथ ने आगे कहा, 'सरकार में किसी भी पदासीन व्यक्ति ने इस मामले की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए इस्तीफ़ा नहीं दिया है और न ही सरकार ने किसी से इस्तीफ़ा माँगा है। सरकार ने अब तक यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि प्रदेश में नक़ली दवाओं को लेकर वह किस तरह की कार्रवाई करना चाहती है? प्रदेश में नक़ली दवाओं के रैकेट का सूत्रधार कौन है यह भी प्रदेश की जनता नहीं जानती?'
उन्होंने कहा, 'इसके उलट, भाजपा की रणनीति यह दिखाई देती है कि समय के साथ लोग इस हादसे को भूल जाएं और परिजन अपने दुख के साथ अकेले छूट जाएं। किसी लोकतांत्रिक देश में किसी सरकार का इस तरह स्वार्थी और असंवेदनशील हो जाना अत्यंत शर्मनाक है। इसलिए बेहतर होगा कि भाजपा सरकार बेशर्मी छोड़कर मृत बच्चों के परिजनों को माँग के मुताबिक़ मुआवज़ा दे और नक़ली दवाओं के रैकेट का पूरी तरह भंडाफोड़ करे।'