भोपाल। सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर सीधी भर्ती करने की बजाय राज्य सरकार रिटायर्ड कर्मचारियों को संविदा पर नियुक्त कर रही है। इससे रोज़गार की तलाश कर रहे युवाओं के लिए नौकरी के अवसर लगातार और भी कम हो जा रहे हैं। खबर है कि हाल ही में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में इंजीनियरों के 383 रिक्त पदों पर संविदा के तहत भर्ती की गई है।

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में अधीक्षण यंत्री के 8, कार्यपालन यंत्री के 20, सहायक यंत्री के 80 और उपयंत्री के 275 पद खाली थे। लेकिन इन सभी खाली पदों पर सेवानिवृत हो चुके सरकारी कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती कर लिया गया है। इस तरह खाली पदों को सीधी भर्ती से भरने की जगह संविदा नियुक्ति से भरा जाना प्रदेश के बेरोज़गार नौजवानाओं के साथ नाइंसाफी है।

कुछ ऐसी ही स्थिति अन्य सरकारी विभागों में है। सरकार विभागों में एक लाख के करीब पद खाली हैं। अगर राज्य सरकार इन रिक्त पदों पर सीधी भर्ती करती है तो सरकार पर सीधे तौर पर 8 से 10 हज़ार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। लिहाज़ा इससे बचने के लिए सरकार ने संविदा पर नियुक्ति करने का फॉर्मूला ईजाद किया है। सरकार के इस फॉर्मूला की वजह से प्रदेश के बेरोजगार युवाओं में नाराज़गी बढ़ रही है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस मसले पर राज्य सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा है, "30 लाख बेरोज़गारों पर वार, सेवानिवृत्त लोगों को ही मौक़ा दे रही सरकार। विधायक ख़रीदकर मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह प्रदेश के 30 लाख बेरोज़गारों को मौक़ा देने की बजाय सेवानिवृत्त लोगों को संविदा पर रखकर युवाओं का हक़ मार रहे हैं। शिवराज जी,मध्य प्रदेश का युवा सब कुछ देख रहा है।"

इस समय प्रदेश में 33 लाख युवा शिक्षित बेरोजगार हैं। इनमें 30 लाख युवा मध्य प्रदेश के मूल निवासी हैं। इतना ही नहीं प्रदेश में हर साल चार लाख के करीब छात्र ग्रेजुएट हो रहे हैं। ऐसे में प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या और बढ़ने के आसार हैं। प्रदेश में पिछले चार साल से कोई बड़ी भर्ती नहीं हुई है।