भोपाल। मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने एक मृतक नर्स की मौत के दो महीनों बाद उसका ट्रांसफर किया है। जिस वजह से स्वास्थ्य विभाग की किरकरी हो रही है। ख़ास बात यह कि मृतक नर्स जब जीवित थी, तब वह लगातार अपना ट्रांसफर मांगती रही लेकिन विभागीय अधिकारियों ने उसकी कोई सुध नहीं ली। 

मृतक तनवी दबडे बैतूल के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स के पद पर पदस्थ थी। अवसाद का शिकार तनवी की मौत 20 दिसंबर को ही हो गई थी। लेकिन मंगलवार को जब स्वास्थ्य विभाग ने नर्सों के ट्रांसफर ऑर्डर जारी किए तो उस सूची में तनवी का नाम भी शामिल था। 

तनवी जब जीवित थी तब वह लगातार विभागीय अधिकारियों से अपना ट्रांसफर मांगती रही। तनवी अवसाद का शिकार थी और दिसंबर महीने में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल की वजह से काम का दबाव भी बढ़ गया था। जिसके चलते तनवी भोपाल के आसपास अपना ट्रांसफर चाहती थी ताकि भोपाल में रहने वाले अपने माता पिता के पास रहकर उसे अवसाद से बाहर निकलने में मदद मिल सके। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तनवी को लगातार 90-90 घंटों तक काम करना पड़ता था और उसने नींद की गोलियां लेना भी शुरू कर दिया था। 20 दिसंबर को नींद न आने की वजह से उसने ओवरडोज ले लिया, जिस वजह से उसकी मौत हो गई।