नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की घोषणा ने देशवासियों को हैरान कर दिया है। पाकिस्तान की नापाक हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने की बजाए सीजफायर की घोषणा को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है। इस ऐलान के बाद कांग्रेस ने अब सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मन की है।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने एक एक्स पोस्ट में लिखा, 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक बार फिर यह मांग करती है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर, तथा पहले वॉशिंगटन डीसी और उसके बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों द्वारा घोषित किए गए संघर्षविराम के विषय पर संसद का विशेष सत्र आयोजित किया जाए, ताकि इन सभी मुद्दों पर व्यापक चर्चा हो सके।'

जयराम रमेश ने आगे कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद के लिए "तटस्थ मंच" का उल्लेख अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा किया जाना कई सवाल खड़े करता है - क्या हमने शिमला समझौते को छोड़ दिया है? क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह पूछना चाहती है कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक चैनल दोबारा खोले जा रहे हैं? हमने पाकिस्तान से कौन से प्रतिबद्धताएं मांगे हैं और हमें क्या मिला है?

कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश के दो पूर्व सेनाध्यक्षों द्वारा इस पूरी स्थिति को लेकर कल शाम को किए टिप्पणियों की ओर ध्यान दिलाना चाहती है। इन टिप्पणियों के मद्देनज़र प्रधानमंत्री को स्वयं जवाब देना चाहिए। अंत में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मानती है कि इस समय देश का इंदिरा गांधी जी की असाधारण साहसिक और दृढ़ नेतृत्व क्षमता को याद करना स्वाभाविक है, जैसा कि उन्होंने 1971 में प्रदर्शित किया था।