भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीन आते ही युद्ध स्तर पर टीकाकरण शुरू करने की तैयारी हो रही है। राज्य के मुख्य सचिव की स्टीयरिंग कमेटी से लेकर स्वास्थ्य विभाग की स्टेट टॉस्क फोर्स और ब्लॉक लेवल तक, हर स्तर पर टीकाकरण से जुड़े तमाम इंतज़ाम तेज़ी से किए जा रहे हैं। शासन स्तर पर 2500 से अधिक लोगों को इसके लिए ट्रेनिंग भी दिलाई जा चुकी है। सरकार को भरोसा है कि मध्य प्रदेश में जैसे ही वैक्सीन आएगी, उसके एक सप्ताह के भीतर लोगों का टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा।

प्रदेश में कोरोना का टीका सबसे पहले कोरोना वॉरियर्स यानी स्वास्थ्य कर्मचारियों को लगेगा। राज्य सरकार ने पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स यानी स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाया जाना तय किया है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश में निजी और सरकारी समेत 4 से 5 लाख स्वास्थ्य कर्मी हैं।

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इसके बाद जो लोग हाई रिस्क श्रेणी में आते हैं उन्हें कोरोना का टीका लगेगा। इनमें शुगर, हाइपरटेंशन, कैंसर और 65 साल से अधिक उम्र वाले मरीज शामिल हैं। इसके लिए पूरे प्रदेश में करीब ढाई हज़ार लोगों को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। टीकाकरण के लिए राज्य सरकार ने जिले से लेकर ब्लॉक लेवल तक तैयारी की है। राज्य टीकाकरण अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल डायरेक्टर संतोष शुक्ला ने बताया कि टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य के साथ आयुष, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास विभाग, नगरीय विकास, स्कूल, गृह व अन्य संबंधित विभागों का सहयोग लिया जाएगा, ताकि किसी भी तरह की दिक्कत ना हो।

संतोष शुक्ला ने बताया कि देश में लांच हुई वैक्सीन में से 11 मध्य प्रदेश में पहले आई हैं। यह 12वीं वैक्सीन होगी। डब्ल्यूएचओ में दस साल अपनी सेवाएं दे चुके संतोष शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में टीकाकरण सिस्टम का मूल्यांकन यूनिसेफ और भारत सरकार कर चुके हैं। एमपी में कोरोना वैक्सीन अभियान को STD कोड नाम दिया गया है, यानी स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट एंड डिस्ट्रीब्यूशन। कोरोना वैक्सीन के स्टोरेज के लिए मध्य प्रदेश के 4 बड़े शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के वैक्सीन स्टोर में खास तैयारियां की गई हैं। राज्य कोल्ड चेन अधिकारी इंजी. विपिन श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में 4 से 5 करोड़ डोज रखने की क्षमता है।

भले ही राज्य सरकार कोरोना से निपटने के लिए इतनी तैयारियां करने का दावा कर रही हैं लेकिन दूसरी तरफ राज्य में कोरोना वाॉरियर्स पर लाठियां भी बरसाई जा रही हैं। भोपाल के नीलम पार्क में गुरुवार को कोरोना योद्धाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। उनका गुनाह सिर्फ इतना था कि वे नौकरी से निकाले जाने के बाद शिवराज सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस के इस लाठीचार्ज में कई कोरोना वॉरियर्स के घायल हुए। प्रदर्शन में नौकरी से निकाले गए करीब करीब पांच सौ कर्मचारी शामिल थे। राज्य में जब कोरोना वॉरियर्स के साथ जब इस तरह का सलूक हो रहा है तो ऐसे में सरकार के दावों पर कितना भरोसा किया जा सकता है।