गुना। ग्वालियर चंबल क्षेत्र में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया के बाद गुना में हालात बेकाबू हो चले हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार शाम 5.30 बजे तक  गुना में 160 मिमी बारिश दर्ज की गई है। उससे पहले भी सप्ताह भर से लगातार बारिश का दौर जारी है। गुना जिले के राघोगढ़, मक्सूदनगढ़, बजरंगढ़, कुंभराज, आरोन बमोरी क्षेत्रों में  रुक-रुक कर बारिश हो रही है। जिससे कई नदी नाले उफान पर हैं। इन इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश की वजह से जिले की झागर नदी का जल स्तर बढ़ गया है। बाढ़ का पानी गांवों में भर गया है। कई कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं।





अब हाल यह है कि गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। वहीं बमोरी विधानसभा क्षेत्र से राजस्थान की सीमा का कनेक्शन भी टूट गया है। लोगों के घरों, दुकानों में पानी भर गया है। पुलों पर पानी भरने की वजह से प्रशासन ने आवागमन रोक दिया है। लोग घरों की छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं। गुना के नानाखेड़ी इलाके में कई कारें डूब गईं है। 



 





जिन लोगों के घरों में पानी भर गया उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। किसी भी अप्रिय स्थिति ने निपटने के लिए पुलिस प्रशासन और नगर निगम की टीमें मुस्तैद हैं। लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की जा रही है। 



 





गुना में औसत से 134% ज्यादा वर्षा



दरअसल गुना जिले में औसत से 134% ज्यादा वर्षा हो चुकी है। वहीं शिवपुरी में 131% प्रतिशत, सबसे ज्यादा बाढ़ वाले जिले श्योपुर में 161%, भिंड में 61% ग्वालियर में 28% पानी बरस चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ग्वालियर चंबल संभाग में इस भयावह बाढ़ की वजह से 18 लोगों की मौत की खबर है। वहीं विभिन्न जिलों में सैकड़ों गावों के हजारों घर तबाह हो चुके हैं। इलाके की सिंध और चंबल नदी उफान पर है।



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चंबल नदी का जल स्तर बढ़ने की वजह से भिंड-मुरैना जिलों के कई इलाकों में बाढ़ जारी है। लोगों के लिए राहत और बचाव का कार्य किया जा रहा है।





बीते दिनों बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित शिवपुरी, श्योपुर, दतिया और ग्वालियर में स्थिति कंट्रोल में होने की वजह से रेस्क्यू का काम बंद कर दिया गया है।





गुरुवार को मुख्यमंत्री ने ग्वालियर के भितरवार समेत अन्य इलाकों का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने लोगों के लिए 50-50 किलो आनाज तुरंत देने की घोषणा की थी। वहीं बेघर हुए लोगों के लिए 1.30 लाख की लागत से घर बनवाने, मवेशियों की मौत पर 30 हजार तक के मुआवजे का ऐलान किया था।



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शिविरों से लौटे लोग, घर का हाल देख आँखों में आए आंसू



ग्वालियर संभाग में बाढ़ की विभिषिका ने 50 हजार से ज्यादा लोगों की जिंदगी तबाह हो गाई। लोगों के घर टूट गए हैं, उनकी जरुरत का हर सामान, खाना, कपड़ा पानी की भेंट चढ़ गया। सैकड़ों मेवेशी बह गए। बाढ़ प्रभावित लोगों के जिलों के करीब 126 राहत शिविरों में ठहराया गया है। बाढ़ प्रभावित जिलों में हजारों हेक्टेयर में लगी फसल बरबाद हो गई है। इलाकों की सड़कें, पुल, बिजली के खंबे बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं। अब लोग घरों की ओर लौटने की कोशिश कर रहे हैं। उनके पास एक जोड़ी कपड़े के अलावा कुछ नहीं बचा है। घर में मिट्टी कीचड़ देख लोगों अपने आंसू नहीं रोक पाए। अपना सबकुछ बरबाद होने के बाद अब नए सिरे से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं





प्रदेश के 19 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट



इसी बीच मौसम विभाग ने ग्वालियर चंबल संभाग के कई जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। इन स्थानों में एक बार फिर भारी वर्षा होने का अनुमान है। विदिशा, गुना, राजगढ़, अशोक नगर, रायसेन में 64.5 से 204.5 मिमी तक वर्षा होने की चेतावनी दी गई है। वहीं सीहोर शाजापुर, नीमच मंदसौर, शिवपुरी, दतिया, श्योपुरकलां, सिवनी,आगर, सागर,टीकमगढ़ निवाडी में भारी से अति भारी बारिश के लिए अलर्ट जारी किया है।