इंदौर। पेट्रोल डालकर ज़िंदा जलाई जाने वाली महिला प्रिंसिपल की मौत हो गई। फार्मेसी कॉलेज की प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा पांच दिनों तक ज़िंदगी और मौत के बीच झूलती रहीं। शनिवार सुबह चार बजे इंदौर के चोइथराम अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रखा हुआ है। 



महिला प्रिंसिपल की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शोक प्रकट किया है। इसके साथ ही उन्होंने आरोपी को सख़्त सज़ा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाए जाने की मांग की है। पीसीसी चीफ ने शिवराज सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीर होने की हिदायत भी दी है। 





 विमुक्ता शर्मा को उनके कॉलेज के पूर्व छात्र ने सोमवार शाम को कॉलेज कैंपस में ही पेट्रोल छिड़क कर आग के हवाले कर दिया था। जिसमें उनका शरीर 80 फीसदी तक झुलस गया था। डॉक्टर्स लगातार उन्हें बचाने की कोशिश करते रहे लेकिन आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया। फिलहाल उनके शव को परिजनों का सौंपा नहीं गया है। पोस्टमार्टम होने के बाद शव को परिजनों को सौंपा जाएगा। 



आरोपी छात्र आशुतोष श्रीवास्तव इस समय पुलिस की कस्टडी में है। इंदौर कलेक्टर ने आरोपी छात्र के ऊपर रासुका लगा दी है। वहीं इस मामले के चश्मदीद गवाहों के बयान भी पुलिस ने दर्ज कर लिए हैं। 



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आरोपी छात्र आशुतोष श्रीवास्तव मार्कशीट मिलने में देरी की वजह से नाराज़ था। उसने पहले भी प्रिंसिपल को धमकी भरे मेसेज किए थे। जिसके बाद मृतक विमुक्ता ने कॉलेज प्रबंधन को आरोपी को मार्कशीट देने के लिए कहा भी था। हालांकि कॉलेज प्रशासन की ओर से आरोपी छात्र के बारे में पुलिस से शिकायत भी की थी। लेकिन पुलिस ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की। जिसका खामियाजा एक प्रिंसिपल को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा।