झाबुआ। अलीराजपुर जिले के जोबट विधानसभा उपचुनाव की आहट अब साफ सुनाई पड़ने लगी है। राजनीतिक सरगर्मियां लगातार तेवर बनाए हुए हैं। चुनावी इतिहास के मुताबिक जोबट सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। लेकिन यहां कांग्रेस फिलहाल तीन बड़े परिवारों के बीच फंसी हुई नजर आ रही है। आपसी गुटबाजी कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। जबकि बीजेपी घात लगाकर तैयार है। मौका मिलते ही भाजपा कांग्रेस के इस गढ़ में सेंध लगाती नज़र आ सकती है।
कांग्रेस की परंपरागत सीट है जोबट इस वर्ष कोरोना की दूसरी लहर में कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया का निधन होने से यह सीट खाली हुई है। अब कांग्रेस अपनी सीट बचाने व भाजपा किसी भी तरह से इसे हथियाने की रणनीति में लगी है। बीजेपी की सफलता का रास्ता कांग्रेस के गुटीय असंतुलन पर केंद्रित है। वहीं कांग्रेस के सामने एकता बनाये रखने के अलावा सत्ता व धन बल से निपटने की बड़ी चुनौती है।
रिश्तेदारों की जोड़ियां घातक
कांग्रेस ने अपनी तमाम संभावनाएं तीन परिवारों- भूरिया, रावत व पटेल परिवार के आसपास केंद्रित कर रखी हैं। पिता-पुत्र, माता-पुत्र और भाईयों की जोड़ियां इस कदर हावी हैं कि आम कार्यकर्ताओं के पास करने के लिए कुछ नहीं बचा है। तीनों परिवारों से ही दावेदारी हो रही है। यदि किसी एक परिवार के पक्ष में फैसला होता है तो बाकी के दोनों परिवार उसकी जड़ें खोखली करने में देर नही करेंगे। इसीलिए भी बीजेपी कांग्रेस के अंदरुनी संग्राम पर नजरें गड़ाए हुए है।
पहला दावा
दूसरा दावेदार
तीसरा दावेदार
बीजेपी से हो सकते हैं सेंधमार
लगातार दौरे हो रहे
उपचुनाव के चलते लगातार दौरे हो रहे हैं। भाजपा फिलहाल इसमें आगे है। संगठन के अलावा सत्ता के कई प्रतिनिधि बारी-बारी से जोबट आकर जा चुके हैं। झाबुआ के नेताओं को सक्रिय करते हुए जोबट भेजा जा रहा है। आंतरिक तैयारियां जोरों पर है। जबकि कांग्रेस में कलावती को श्रद्धांजलि देने के अलावा कोई बड़ा राजनीतिक दौरा नही हुआ है।