रीवा। लोकायुक्त ने सीधी के मझौली ब्लाक की महिला बाल विकास अधिकारी ललिता मिश्रा को दस हजार की रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। दरअसल रीवा लोकायुक्त पुलिस ने अरुणा साहू की शिकायत पर ललिता मिश्रा पर कार्रवाई की है। इनपर एक ही परिवार की तीन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से घूस लेने का आरोप है।

फरियादी अरुणा साहू ने बताया कि मझौली ब्लॉक की परियोजना अधिकारी ललिता मिश्रा लगातार उनसे रुपयों की मांग कर रही थी। जिससे तंग आकर अरुणा ने मामले की शिकायत रीवा लोकायुक्त में कर दी। जिसके बाद लोकायुक्त ने पूरी प्लानिंग कर के ललिता मिश्रा को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।

गौरतलब है कि सीधी जिले के धनौली गांव के आंगनवाड़ी केंद्र नबंर 04 में अरुणा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के तौर पर काम करती है। इसी ग्राम पंचायत में उनकी दो रिश्तेदार भी कार्यरत हैं, इन्हें स्व सहायता समूह के जरिए आंगनबाड़ी केंद्रों में सांझा चूल्हा योजना के तहत खाना-नाश्ता बांटने की जिम्मेदारी मिली है।

ललिता मिश्रा पर आरोप है कि वे तीनों पर हर महीने दस हजार रुपए देने का दबाव बना रही थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक CDPO कहती थीं कि तुम तीनों एक ही परिवार से हो, तीनों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सांझा चूल्हा का काम भी मिला है, इसलिए मुझे घूस दो। महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी हर कार्यकर्ता से 2-2 हजार रुपए आंगनवाड़ी के नाम पर और चार हजार रु सांझा चूल्हा के नाम पर मांग रही थी। पैसे नहीं देने पर उन्हें काम से निकालने की धमकी दी थी। इससे परेशान होकर अरुणा ने मामले की शिकायत रीवा लोकायुक्त कार्यालय में की।

इसके बाद लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार के नेतृत्व में डीएस मरावी समेत 20 सदस्यों की टीम ने मझौली की महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। हालांकि आरोपी ललिता मिश्रा ने साजिश करके फंसाए जाने का आरोप लगाया है।