उपचुनाव के पहले ही मध्यप्रदेश के धार का बदनावर विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए नेता राजवर्धन सिंह दत्तीगांव क्षेत्र से गायब है। कोरोना, फसलों की बर्बादी पर जनता अपने जनप्रतिनिधि को खोजती रही मगर राजवर्धन दत्‍तीगांव क्षेत्र में जनता के बीच नहीं पहुंचे। पहले गुमशुदगी के पोस्‍टर के बाद अब क्षेत्र में नारे लग रहे हैं कि बदनावर का गद्दार कौन है?

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कांगेस कार्यकर्ताओं ने राजवर्धन सिंह दत्‍तीगांव के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दत्तीगांव के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए बदनावर का गद्दार कहा। दरअसल रविवार को कांग्रेस नेता और पूर्व वन मंत्री उमंग सिंघार अपने समर्थकों के साथ बदनावर पंहुचे थे। उमंग सिंघार ने कई गांवों का दौरा किया और जनता की  समस्याएं सुनीं। इस दौरान परेशान जनता और कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए।

गौरतलब है कि बीजेपी की शिकायत पर पूर्व मंत्री उमंग सिंघार और उनके 32 साथियों के खिलाफ पर धारा 144 और सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन का केस दर्ज हुआ है। पूर्व वन मंत्री उमंग सिंघार का कहना है कि वो अपने इलाके किसानों और मजदूरों की समस्या जानने के लिए गए थे। बीजेपी नेताओं के कहने पर पुलिस ने केस दर्ज कर किया है। पूर्व मंत्री समर्थकों सहित थाने गिरफ्तारी देने पहुंचे थे।

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भाजपा ने करवाई थी FIR

हाल ही में कांग्रेस के युवा नेता डॉक्टर अभिषेक सिंह राठौर ने काछीबड़ौदा गांव में कार्यकर्ताओं के साथ राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के खिलाफ प्रदर्शन किया और पुतला फूंका था। इस दौरान कांग्रेसियों ने दत्तीगांव को जयचंद बताया और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। राजवर्धन सिंह दत्तीगांव विरोध में हुए प्रदर्शन की शिकायत बीजेपी ने बदनावर थाने में की। इसके बाद पुलिस ने कांग्रेस नेता अभिषेक सिंह और उनके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कर अभिषेक सिंह को गिरफ्तार किया। हालांकि बाद में एसडीएम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।