भोपाल। शिवराज सरकार में विंध्य की अनदेखी और विंध्य प्रदेश बनाने की मांग उठती देख सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष विंध्य से बनाने की तैयारी कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवराज सरकार इस मर्तबा विंध्य के दो नेताओं में से किसी एक को विधानसभा अध्यक्ष बना सकती है। अध्यक्ष पद के लिए राजेंद्र शुक्ला और गिरीश गौतम का नाम रेस में चल रहा है। 

प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा शनिवार की रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करने के बाद दिल्ली रवाना हो गए हैं, जहां उनकी मध्य प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव के साथ बैठक होनी है। बताया जा रहा है कि वी डी शर्मा के दिल्ली से लौटने के बाद विधानसभा अध्यक्ष का चेहरा साफ हो सकता है। 

फिलहाल कयास यही लगाए जा रहे हैं कि अध्यक्ष विंध्य से ही होने वाला है। अगर ऐसा होता है तो मध्य प्रदेश विधानसभा में 17 साल बाद कोई विंध्य से अध्यक्ष बनेगा। इससे पहले कांग्रेस के श्रीनिवास तिवारी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष रहे थे। तिवारी करीब 9 साल तक विधानसभा अध्यक्ष रहे थे। 

रीवा के देव तालाब से विधायक गिरीश गौतम या रीवा के विधायक राजेंद्र शुक्ला में से किसी एक का नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिए फाइनल होना है। दोनों ही चार - चार बार विधायक रह चुके हैं। गिरीश गौतम का नाम संगठन ने आगे बढ़ाया है लेकिन मुख्यमंत्री के चहेते राजेंद्र शुक्ला हैं। ऐसे में होड़ इन्हीं दोनों के नामों में है। उम्मीद है कि बीजेपी जल्द ही दोनों नामों पर विचार करने के बाद कोई फैसला कर लेगी।

विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि उनकी पार्टी विधानसभा उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस को नहीं देगी। शर्मा ने कहा कि चूंकि इस परंपरा को कमल नाथ सरकार ने ही सत्ता में आने पर तोड़ा था, इसलिए बीजेपी भी उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस के लिए खाली नहीं छोड़ेगी। खबर है कि बीजेपी सामाजिक समीकरण को साधने के लिए अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले किसी नेता को विधानसभा उपाध्यक्ष का पद देना चाहती है।