मध्यप्रदेश के राजभवन में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया है। राजभवन में कार्यरत एक कर्मचारी दोबारा कोरोना संक्रमित पाया गया है। इसके पहले भी राजभवन में आधा दर्जन से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे जिसके बाद राजभवन को पांच दिनों के लिए कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित किया गया था। कांग्रेस ने कहा है कि क्या नियम और कानून सिर्फ आम जनता को परेशान करने के लिए बनाए गए हैं? राजभवन में कोरोना संक्रमण दोबारा होने का जिम्‍मेदार कौन है?

सोमवार को राजभवन में एक और कोरोना संक्रमित मरीज मिलने से राजभवन सचिवालय में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल लालजी टंडन के सेवा में कार्यरत एक कर्मचारी इस महामारी से ठीक होने के बाद दोबारा कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। बता दें कि इसके पहले अलग-अलग दिन कुल 10 कोरोना संक्रमित मरीज राजभवन से मिले हैं।

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने बयान जारी कर कहा है कि राजभवन जैसी महत्वपूर्ण जगह को इस खतरे से मुक्त करने के बजाय पांच ही दिन में नियम के विरूद्ध कंटेन्मेंट जोन से मुक्त कर दिया गया है। राजभवन से कुलपतियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हो रही है और कार्यालय की सामान्य गतिविधियां चलाई जा रही है। ऐसे में कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा ? राज्यपाल खुद 75 वर्ष के हैं उन्हें खुद सतर्कता बरतनी चाहिए।'

 

उन्होंने प्रदेश सरकार से सवाल किए हैं कि क्या नियम और कानून सिर्फ आम जनता को परेशान करने के लिए बनाए गए हैं? एक तरफ तो कांग्रेस पार्टी के नेता किसी के घर शोक व्यक्त करने भी जाएं तो उनके खिलाफ एफआईआर कर दी जाती है वहीं दूसरी ओर महामहिम जैसी संवैधानिक संस्था के प्रांगण में नियमों की खुली अवमानना हो रही है।'