भोपाल। मंगलवार को शिवराज कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें कई फैसलों पर मुहर लगी है। राजस्व पुस्तिका के प्रावधानों में संशोधन करते हुए किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया है। कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने दी। उन्होंने कहा कि किसी भी प्राकृतिक आपदा से फसल को नुकसान होने पर अनुदान की राशि कम से कम पांच हजार रुपये देने का फैसला लिया है।



प्राकृतिक आपदा के अलावा अगर किसानों की फसल या घर जंगली जीव और हाथी नष्ट कर देते हैं उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा। इस स्थिति में राजस्व पुस्तक परिपत्र के माध्यम से आर्थिक सहायता उपलब्ध होगी। कैबिनेट में राजस्व विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। बैठक में आगामी विधानसभा के बजट सत्र में धार्मिक स्वतंत्रता समेत कई विधयकों को पेश करने की अनुमति भी दी गई।



कैबिनेट ने धर्म स्वतंत्र विधेयक का अनुमोदन कर दिया है। वहीं 93.75 करोड़ रुपये की लागत वाली हरबाखेड़ी में सिंचाई परियोजना को मंजूरी मिल गई है। कैबिनेट ने आदिम जाति कल्याण विभाग का नाम बदलकर जनजातीय कार्य विभाग करने को भी मंजूरी दे दी है। बैठक में जल जीवन मिशन का प्रजेंटेशन हुआ, इस योजना का मुख्य लक्ष्य है कि हर घर में पीने का पानी मुहैया करवाया जा सके, 2023 तक पूरे होने वाले इस मिशन पर करीब 50 हज़ार करोड़ रुपये खर्च होंगे।





किसानों को न्यूनतम मुआवजा दिए जाने का फैसला काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, दरअसल प्रदेश में कई बार गरीब किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसलों के नुकसान होने पर 50 रुपए 100 और 500 रुपए का मुआवजा मिलने की खबरें अक्सर आती रहती हैं। कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब किसानों के कम से कम पांच हजार का मुआवजा मिलने की राह आसान हो गई है।



वहीं प्रदेश के कई जिलों जैसे सीधी, सिंगरौली, शहडोल और अनूपपुर में अक्सर जंगली हाथी लोगों की फसल और घरों को नुकसान पहुंचाते हैं। इस स्थिति में मुआवजे की मांग कई साल से जारी थी, जिसे अब मंजूर कर लिया गया है।