भोपाल। मध्य प्रदेश में मंत्रियों का इनकम टैक्स अब राज्य सरकार जमा नहीं करेगी। इसका भुगतान अब स्वयं मंत्रियों को ही करना होगा। सरकार ने सन 1972 का नियम बदल दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट ने मंगलवार को यह निर्णय लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में सीएम डॉ. यादव ने ही इसका सुझाव रखा था, जिस पर सभी ने सहमति दी है।

जानकारी के मुताबिक सरकार ने पिछले 5 साल में 3.24 करोड़ रुपए टैक्स जमा किया था। लेकिन कर्ज में डूबी सरकार अब खर्चे में कटौती पर फोकस कर रही है। यही कारण है कि मंगलवार को कैबिनेट बैठक में मंत्रियों का आयकर नहीं भरने संबंधी निर्णय लिया गया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि सीएम ने बैठक में कहा कि मंत्रियों को मिलने वाले भत्ते पर लगने वाला इनकम टैक्स राज्य सरकार देती है। इसमें सुधार किया जाना चाहिए। इसके बाद सभी ने सीएम के प्रस्ताव पर सहमति दी और इससे संबंधित अधिनियम समाप्त करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद अब मंत्री खुद इनकम टैक्स भरेंगे।

मंत्री विजयवर्गीय ने कैबिनेट बैठक के अन्य फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि जेल में कैसे सुविधाएं बढ़ाई जाएं और कैदियों को रोजगार से जोड़ा जाए। इस दिशा में सरकार जल्द ही विधानसभा में विधेयक लाएगी। कैबिनेट बैठक में यह भी फैसला किया गया कि केंद्रीय और राज्य की पैरामिलिट्री और फोर्स की सेवा में शहीद होने वाले अफसरों, कर्मचारियों की सरकार की ओर आर्थिक सहायता शहीद की पत्नी को दी जाती थी। सरकार ने तय किया है कि अब सहायता की 50 प्रतिशत राशि शहीद के माता-पिता को भी दी जाएगी।

इसके अलावा सैनिक स्कूलों में जो स्कॉलरशिप मिलती है। कई बार चयन में प्रदेश के विद्यार्थी एमपी के बाहर से प्रवेश पाते हैं। सरकार ने तय किया है कि प्रदेश के चयनित विद्यार्थी जो राज्य से बाहर पढ़ रहे हैं उन्हें भी राज्य सरकार स्कॉलरशिप देगी। साथ ही भारतीय खेल प्राधिकरण भोपाल को सौ एकड़ जमीन पहले से थी। प्राधिकरण को एक एकड़ जमीन की और जरूरत थी जिसे देने की मंजूरी कैबिनेट ने दी है।

विजयवर्गीय ने आगे बताया कि पौधरोपण के लिए 10 हेक्टेयर जमीन पर ही सीएसआर के माध्यम से पौधरोपण करने की व्यवस्था थी। इससे कई छोटे दानदाता वंचित रह जाते थे।. अब इसकी लिमिट को खत्म कर दिया गया है। अब एक या दो हेक्टेयर जमीन पर भी सीएसआर के माध्यम से पौधरोपण किया जा सकेगा।