भोपाल। नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। शिवराज सरकार के इस फैसले की जानकारी शिवराज कैबिनेट में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दी है। बीजेपी नेता ने कहा है कि राज्य सरकार हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी।  

भूपेंद्र सिंह ने कहा कि वर्षों से नगर निकाय चुनाव इसी पद्धति के अनुसार होते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नगर निकायों में आरक्षण नियमानुसार ही लागू किया गया है। इसके बावजूद ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हुई है। लिहाज़ा सरकार हाई कोर्ट के फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट जाएगी, ताकि प्रदेश में नगर निकाय चुनाव जल्द हो सकें।  

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दरअसल हाई कोर्ट ने माना है कि मध्यप्रदेश में आगामी नगर निकाय चुनावों के सिलसिले में आरक्षण प्रक्रिया का पालन करने में गड़बड़ी हुई है। नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर आरक्षण में रोटेशन प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ।  इसी आधार पर हाई कोर्ट ने अपने फैसले में 81 सीटों की आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाई है। इनमें उज्जैन और मुरैना के महापौर और 79 नगर पालिका व नगर परिषद के अध्यक्ष पदों पर की गई आरक्षण की व्यवस्था शामिल है। इन सभी सीटों को लगातार दूसरी बार एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। लिहाज़ा मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने फिलहाल आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट के इस स्टे की वजह से प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनावों में अभी और देरी हो सकती है। इसी देरी से बचने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय किया है।