हाईकोर्ट ने 81 नगर निकायों की आरक्षण प्रक्रिया पर लगाई रोक, नहीं हुआ था रोटेशन का पालन

हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई अब अप्रैल में होगी, हाई कोर्ट के स्टे की वजह से नगर निकाय चुनावों में और देर होने के आसार हैं

Updated: Mar 14, 2021, 04:43 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी नगर निकाय चुनावों के सिलसिले में आरक्षण प्रक्रिया का पालन में गड़बड़ी हुई है। नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर आरक्षण प्रक्रिया में रोटेशन प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ। लिहाज़ा मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने फिलहाल आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के इस स्टे की वजह से प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनावों में अभी और देरी हो सकती है।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अधिवक्ता मानवर्धन सिंह राठौड़ की याचिका पर सुनवाई करते हुए 81 नगर निकायों की आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट की जस्टिस शील नागू और जस्टिस आनंद पाठक की डिविजन बेंच द्वारा लगाई इस रोक से उज्जैन और मुरैना के महापौर और 79 नगर पालिका व नगर परिषद के अध्यक्ष पदों के लिए निर्धारित आरक्षण प्रभावित होने के आसार हैं। जिन 81 सीटों पर हाई कोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाई है, उन्हें लगातार दूसरी बार एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। यही वजह है कि हाई कोर्ट ने आरक्षण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मानवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि नगर निकायों में आरक्षण पद्धति का पालन नहीं किया गया है। जिस वजह से एक ही वर्ग का व्यक्ति लगातार दो बार चुनाव लड़ सकता है, जबकि अन्य वर्गों को प्रतिनिधत्व करने का अवसर नहीं मिल सकेगा। कोर्ट में एक अन्य अधिवक्ता अंकुर मोदी ने ग्वालियर बेंच के उस आदेश का हवाला दिया जिसमें डबरा नगर पालिका और इंदरगढ़ नगर परिषद के अध्यक्ष पद के आरक्षण पर स्टे लगा दिया गया है। 

हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई अब अप्रैल में होगी। जिसका नतीजा यह होगा कि नगर निकाय चुनाव और आगे खिसक सकते हैं। हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव आयोग 15 मार्च तक नगर निकाय चुनावों का कार्यक्रम घोषित कर सकता है। लेकिन अब हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में होनी है, लिहाज़ा उससे पहले चुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं किया जा सकता। हालांकि सरकार के पास हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का विकल्प भी मौजूद है।