लॉकडाउन के दौरान निजी स्‍कूलों द्वारा वसूली जा रही मनमानी फीस और फीस वसूलने के लिए Online Class  लगाने के निर्णय का विरोध तेज हो गया है। सरकार ने केवल ट्यूशन फीस लेने को कहा है तो निजी स्कूल संचालकों ने सारी फीस को ट्यूशन फीस में जोड़ कर राशि बढ़ा दी है। इसका विरोध करते हुए इंदौर की समाज सेवी संस्था 'जागो पालक जागो' ने सांसद शंकर लालवानी से मुलाकात की।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश के स्कूल जुलाई महीने में बंद रहेंगे। लेकिन इंदौर के अधिकतर निजी स्कूल बंद रहने के बावजूद बच्चों से ट्यूशन फीस वसूल रहे हैं। 'जागो पालक जागो' संगठन ने सांसद शंकर लालवानी फीस वसूली पर रोक लगाने तथा ऑनलाइन पढ़ाई बंद करवाने की भी मांग की है।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा- कमेटी बना कर निर्णय लेंगे

सांसद शंकर लालवानी ने कहा है कि जल्द ही इस सम्बन्ध में स्कूल प्रबंधन, शासन और पालकों की एक कमेटी बना कर निर्णय लिया जाएगा। पालकों का कहना है कि अगर इस मांग का कोई ठोस हल जल्द ही नहीं निकाला गया तो वे इस मामले में न्यायालय का रुख करेंगे।

क्या है मांगें?

  • ज़्यादातर अभिभावकों के पास इंटरनेट और स्मार्ट फोन की सुविधा नहीं है या सीमित है। ऐसे में शिक्षा का अधिकार समान रूप से सभी विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। इंटरनेट पर कई तरह के अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट रहते हैं, जिससे अभिभावक इंटरनेट देने में असुरक्षा भी महसूस कर रहे हैं।
  • साइबर हेल्थ सेफ्टी नार्मस के तहत 10 साल तक के बच्चों को मोबाईल से दूर रखना चाहिए। इसका उनके मस्तिष्क विकास प्रभावित होता है। कम उम्र के बच्चों के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल का विरोध डब्ल्यूएचओ और यूनेस्को द्वारा भी समय समय पर किया गया है।
  • यदि शासन को लगता है कि ऑनलाइन पढ़ाई करवाया जाना अत्यंत आवश्यक है और इसका कोई विकल्प नहीं है तो विशेषज्ञों की सलाह लेकर सभी स्कूलों के लिए एक सामान नीति बनाई जाना चाहिए। जिनके पास आवश्यक संसाधन नहीं हैं उन्हें उपलब्ध करवाए जाएं।

स्‍कूलों ने उठाया कदम, तीन घंटे से ज्‍यादा ऑनलाइन क्‍लास नहीं

पालकों के विरोध के बीचस शनिवार को इंदौर सहोदय ग्रुप के शिक्षकों की जूम ऐप के माध्यम से मासिक बैठक हुई। इसमें शहर के 85 स्कूलों के प्राचार्य शामिल हुए। इसमें तय किया गया कि अब कोई भी स्कूल तीन घंटे से ज्यादा ऑनलाइन कक्षा नहीं लेगा। प्राइमरी और मिडिल स्कूल के छात्रों की कक्षाएं दो घंटे से ज्यादा नहीं लगेंगी।  बैठक में तय हुआ कि नर्सरी से कक्षा दूसरी तक के बच्चों के लिए एक घंटे का स्क्रीन टाइम रहेगा। इस समयावधि में छात्रों की कक्षाएं लगेंगी। कक्षाओं के बीच छात्रों को आधे घंटे का ब्रेक भी देना होगा। इसी तरह कक्षा तीसरी से पांचवीं तक के छात्रों के लिए दो घंटे का स्क्रीन टाइम निर्धारित किया गया है। इसमें स्कूल सुविधानुसार चार पीरियड लगा सकेंगे।