कमलनाथ सरकार में स्‍कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी से केवल कर्मचारी संगठन ही नाराज नहीं थे बल्कि अब उन्‍हें मंत्री बनाने वाली कांग्रेस पार्टी ने भी उन पर अतिथि शिक्षकों की सुध न लेने का आरोप लगाया है। अतिथि शिक्षक संगठन अपने विभाग के मंत्री रहे डॉ. चौधरी से इस कदर नाराज है कि वह उपचुनाव में उनके विरोध में काम करने का निर्णय कर चुका है।



मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों को बहुत ही कम मानदेय मिलता है। कांग्रेस का आरोप है कि शिक्षकों की वित्तीय समस्या को सुलझाने के बजाय प्रभुराम चौधरी सरकार गिराने के कार्यक्रम, और अपनी फायदे की सोच रहे थे। कांग्रेस सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री रहे प्रभुराम चौधरी ने शिक्षकों की सुध नहीं ली।





 



प्रदेश में कांग्रेस सरकार के समय अतिथि शिक्षकों के संगठन के नेतृत्वकर्ता जगदीश शास्त्री ने प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर अतिथि शिक्षकों की वित्तिय समस्या से अवगत कराया था। इसके बाद जगदीश शास्त्री ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से भी मुलाकात कर शिक्षकों की आपबीती से अवगत कराया था। जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्कूल शिक्षा विभाग को 12 महीने का सेवाकाल दिए जाने और शिक्षकों को नियमित करने का प्रस्ताव भेज दिया। लेकिन इस पर मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद अतिथि शिक्षकों ने मंत्री जी के आवास पर धरना दिया। मंत्री चौधरी ने तब भी उनकी सुध लेने की बजाय उल्टा धरना देने आए शिक्षकों के पर पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी थी। इसके तत्काल बाद ही तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हस्तक्षेप करते हुए एफआईआर को वापस कराया। इसके बाद पीसी शर्मा, जयवर्धन सिंह जैसे मंत्रियों ने भी प्रभुराम चौधरी को शिक्षकों को स्थिति में सुधार लाने के लिए आग्रह किया था। लेकिन मंत्री डॉ. चौधरी ने इतना कुछ होने के बावजूद शिक्षकों की सुध नहीं ली। वे अपने राजनीतिक हित साधने में जुटे रहे।



कमलनाथ सरकार ही अतिथि शिक्षकों का भला कर सकती है : शास्त्री



अतिथि शिक्षकों के नेतृत्व प्रदान करने वाले जगदीश शास्त्री बताते हैं कि कमलनाथ सरकार अगर रहती तो अतिथि शिक्षकों की स्थिति में सुधार निश्चित ही हो जाता। लेकिन दुर्भाग्यवश प्रदेश में सरकार गिर गई। लेकिन शास्त्री ने कहा है कि उपचुनाव में प्रभुराम चौधरी के खिलाफ अभियान चलाने के साथ साथ सभी 24 सीटों पर कांग्रेस के पक्ष में अतिथि शिक्षकों द्वारा अभियान चलाया जाएगा। उनकी उम्मीद कांग्रेस सरकार से ही है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान प्रदेश को बर्बादी के कगार पर खड़ा कर चुकी शिवराज सरकार से कोई भी उम्मीद रखना बेमानी है।