ग्वालियर। मध्य प्रदेश में बहुचर्चित परिवहन घोटाले को लेकर सियासत गर्म है। पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विधानसभा में स्वीकारा कि सौरभ शर्मा की नियुक्ति गलत हुई थी। उधर, सौरभ शर्मा के वकील लगातार उनकी हत्या की आशंका जता रहे हैं। इसी बीच ग्वालियर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। अरबपति पूर्व कांस्टेबल सौरभ के साथ परिवहन विभाग में पदस्थ रहे एक ASI की संदिग्ध मौत हो गई। इस घटना के बाद परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया है।
सोमवार सुबह ग्वालियर में परिवहन विभाग के इकलौते ASI धर्मवीर सिंह की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है। उनका शव उनके घर में पड़ा मिला। सोमवार सुबह 10 बजे यह सूचना पुलिस को मिली थी। धर्मवीर सिंह मूल रूप से चित्रकूट के रहने वाले थे। वह ग्वालियर परिवहन विभाग में उड़नदस्ता प्रभारी के पद पर पदस्थ थे। वे 6 महीने बाद रिटायर होने वाले थे।
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धर्मवीर के ड्राइवर उदित नारायण ने बताया कि एएसआई को रात में चाय देने के बाद वो करीब 11 बजे अपने कमरे में जाकर सो गया था। सुबह 6 बजे जब उन्हें जगाने गया तो, शरीर में कोई हलचल नहीं थी। इस पर पड़ोस में रहने वाले मुन्ना गुर्जर को बुलाकर लाया। मुन्ना गुर्जर ने बताया कि धर्मवीर एक हाथ सिर पर रखकर लेटे हुए थे। जब उनका हाथ सिर से हटाने की कोशिश की गई तो वो अकड़ चुका था। इससे कयास लगाया जा रहा है कि उनकी मौत तीन से चार घंटे पहले ही हो गई थी।
धर्मवीर सिंह की मौत को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चूंकि, धर्मवीर सिंह पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के साथ पदस्थ रहे हैं। ऐसे में धर्मवीर की मौत को सौरभ शर्मा के मामले से जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि सौरभ का मामला तब से सुर्खियों में है, जब उसके यहां लोकायुक्त और फिर आयकर की टीम ने छापा मारा था। इस दौरान 52 किलो सोना और करोड़ों रुपए कैश बरामद किए गए थे। सौरभ इन दिनों जेल में बंद है और उसकी सेहत भी खराब होती जा रही है।
उधर, छापेमारी के 41 दिन बाद जब स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया तो सौरभ ने कहा कि न तो 52 किलो सोना उसका है, न ही उस गाड़ी में मिले 11 करोड़ रुपए। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल।सोमवार को लोकायुक्त से मिलने पहुंचा है। कांग्रेस नेताओं ने लोकायुक्त को परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा घोटाले के सबूत सौंपा और मामले की जांच में तेजी लाने की मांग की।