राजनंदिनी सक्सेना ने एमपी बोर्ड की कक्षा 10वीं की परीक्षा में टॉप किया है। इन्हें 300 में से 300 अंक मिले हैं। इनका मानना है कि स्ट्रेस को दूर रखकर हर सफलता पाई जा सकती है। स्ट्रेस के कारण काम बिगड़ जाते हैं। सक्सेस के लिए किया गया आपका संकल्प किसी भी और संकल्प से ज्यादा महत्त्व रखता है।

पढ़ाई के बीच में ब्रेक लेना भी है जरूरी

कैंम्बरिज हायर सेकेंडरी स्कूल उज्जैन की छात्रा राजनंदिनी के पिता रजत सक्सेना और मां भी वकील हैं। वकील माता पिता की बेटी राजनंदिनी एरोनाटिकल इंजीनियर बनना चाहती हैं। अपनी पढ़ाई के रुटीन के बारे में राजनंदिनी का कहना है कि टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाई करती थीं। एक टॉपिक को पूरा करने के बाद ही दूसरा विषय पढ़ने बैठती थीं। उनका कहना है कि हर विषय पर फोकस करना चाहिए, तभी बेहतर रिजल्ट मिलते हैं। पढ़ाई में मम्मी पापा, भाई बहन, टीचर ने मदद की। उनका कहना है कि पढ़ाई के बीच में ब्रेक लेना भी बहुत जरूरी है। 

सोशल मीडिया से दूरी बनाई

फिजिक्स और मैथ्स में रुचि लेने वाली टॉपर राजनंदिनी का कहना है कि उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाई। केवल व्हाट्सएप केवल उपयोग करती थीं। वह भी केवल दोस्तों और टीचर्स से कनेक्ट रहने के लिए। पढ़ाई का थोड़ा प्रेशर था, लेकिन टीचर और पेरेंट्स ने हमेशा साथ दिया, जिससे सफलता हाथ लगी। खाली वक्त में गिटार बजाना पसंद हैं, दोस्तों के साथ खेलना पसंद है। बेस्ट थ्री की स्कीम तो ठीक है, पर जो पेपर नहीं हुए उनके लिए दुख है ।