विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के सिरोंज में गुरुवार को एक दर्दनाक घटना हुआ। एक यूनानी डॉक्टर द्वारा 6 महीने के बच्चे को एक्सपायर हो चुका सिरप दिए जाने के बाद उसकी हालत अचानक बिगड़ गई और मासूम ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर को हिरासत में लेकर उसका क्लीनिक सील कर दिया है।
मामला सिरोंज के रहने वाले अनिल अहिरवार के 6 माह के बेटे हर्षित से जुड़ा है। दोपहर में बच्चा बीमार हुआ तो परिजन उसे स्थानीय देहली क्लीनिक ले गए जहां डॉक्टर अजीज उद्दीन ने जांच करने के बाद कुछ दवाएं लिखीं और सिरप घर ले जाकर देने को कहा। परिवार जब घर लौटा तो बच्चे की तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी। वह बेसुध होने लगा। जिसके बाद पिता घबराकर उसे फिर क्लीनिक लेकर पहुंचा।
इस बार डॉक्टर अजीज उद्दीन ने परिजनों को सरकारी अस्पताल जाने की सलाह दी। वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने जांच के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया। पिता अनिल अहिरवार ने तुरंत पुलिस और बीएमओ कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत के बाद रात 8 बजे स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और राजस्व अमले की संयुक्त टीम देहली क्लीनिक पहुंची। बीएमओ डॉ. नीरज पंथी, डॉ. गोलू खत्री और अस्पताल स्टाफ ने जांच में पाया कि क्लीनिक में बड़ी मात्रा में एक्सपायर दवाएं, ड्रिप और अन्य चिकित्सा उपकरण रखे हुए थे। कई दवाएं उसकी अनुमति सीमा से बाहर थीं। टीम को वह सिरप रोगन काहू भी मिला जो बच्चे को दिया गया था और जिसकी एक्सपायरी डेट 2024 में ही समाप्त हो चुकी थी।
जांच के दौरान डॉक्टर मौके पर नहीं मिला। टीम ने पंचनामा बनाकर क्लीनिक को तुरंत सील कर दिया है। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर अजीज उद्दीन को पूछताछ के लिए थाने बुलाया और उसके बयान दर्ज किया। बीएमओ डॉ. नीरज पंथी ने पुष्टि की है कि यह क्लीनिक यूनानी पद्धति का है लेकिन यहां एलोपैथिक दवाओं का अवैध रूप से उपयोग किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि डॉक्टर को इन दवाओं को रखने या मरीजों को देने की अनुमति नहीं है। विभाग ने डॉक्टर को नोटिस जारी कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।