भिंड। विश्व की प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफार्म भारत में ऑनलाइन गांजा बिक्री कर रही थी। मध्य प्रदेश की भिंड पुलिस ने ऑनलाइन गांजा शॉपिंग केस का भंडाफोड़ करने के बाद अब बड़ा कदम उठाया है। पुलिस ने अमेजन इंडिया के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने उन्हें नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत आरोपी बनाया है।

दरअसल, भिंड पुलिस ने बीते दिनों एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया अमेजन पर करी पत्ते की आड़ में बड़े पैमाने पर गांजा की बिक्री हो रही है। पुलिस ने भिंड के गोहद चौराहा निवासी पिंटू उर्फ ​​बिजेंद्र तोमर और ग्वालियर निवासी सूरज उर्फ ​​कल्लू पवैया को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 21 किलो 734 ग्राम गांजा भी बरामद किया। इनके अलावा पुलिस ने ग्वालियर के मुकुल जायसवाल और मेहगांव निवासी चित्रा बाल्मीक को भी गिरफ्तार कर लिया।

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पुलिस के मुताबिक उनके पास से अमेजन पैकिंग कैन, रैपर, बारकोड टैगिंग आदि सहित करीब 22 किलो गांजा जब्त किया है। पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी अमेजन के माध्यम से 1 टन से ज्यादा गांजा बेच चुके हैं। इस पूरे मामले में अमेजन की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। अमेजन ने जांच में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया था लेकिन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा खुद कह चुके हैं कि कंपनी के अधिकारी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

पुलिस का यह भी दावा है कि अमेजन की ओर से मुहैया कराए गए डॉक्युमेंट्स और जांच में सामने आए तथ्यों में काफी अंतर है। इस कारन अमेजन इंडिया के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम 1985 की धारा 38 के तहत पुलिस ने अपराध दर्ज कर उन्हें आरोपी बनाया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने केंद्र सरकार से  इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि एमेजॉन के खिलाफ जांच NCB को करना चाहिए।