भिंड। भिंड के भरौली थाना क्षेत्र में एक पंचायत द्वारा दस वर्षीय बच्ची के कातिलों को जो सज़ा सुनाई गई है, वो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। अपनी ही बहन की बेटी के हत्यारों को पंचायत ने गंगा स्नान करने और गांव में भंडारा का आयोजन कराने का फरमान सुनाया है। इसके साथ ही दोनों को 45 दिन तक के लिए गांव से बाहर रखने का आदेश दिया गया है। 

भरौली थाना क्षेत्र सीताराम का पुरा गांव में रहने वाले दो भाई बुद्धे और मोनू सिंह के आपसी झगड़े के दौरान भांजी की जान चली गई। हत्या के आरोपी दोनों भाइयों ने सगे संबंधियों की मदद से मामले को रफा दफा कर दिया। बहन को भी किसी तरह मना कर बच्ची का शव दफना दिया। इसके बाद गांव में पंचायत बुलाई गई। जिसमें आसपास के गांव से भी करीब सौ की संख्या में लोग शामिल हुए।

पंचायत ने अपने फरमान में कहा कि बुद्धे और मोनू को अपना पाप धोने के लिए गंगा स्नान करना पड़ेगा। इसके साथ ही दोनों के पाप धुलने के बाद उन्हें गांव में भंडारे का आयोजन करना होगा। पाप धुलने की अवधि के दौरान दोनों को गांव से करीब 45 दिन तक बाहर रहना होगा। गांव वाले भी दोनों का सामाजिक तौर पर बहिष्कार करेंगे। 

दरअसल 21 मई की सुबह बुद्धे सिंह और मोनू सिंह के मृतक पिता रामलखन कुशवाह की तेरहवीं थी। पिता की मृत्यु के बाद दोनों भाइयों की बहन अट्टो देवी भी अपनी दस वर्षीय बेटी के साथ मुरैना से अपने गांव आई थी। पिता की तेरहवीं के दिन दोनों भाइयों में झगड़ा हुआ, जिसमें किसी ने गोली चला दी। गोली लगने से बच्ची की मौत हो गई। इसके बाद दोनों भाइयों ने अपने परिजनों के साथ मिलकर बहन को मनाया और भांजी के शव को दफना दिया। 

दूसरी तरफ इस पूरी घटना को गांव में ही दबा दिया गया। पुलिस को इस मामले की भनक तक नहीं लगने दी गई। इस घटना के आठारह दिन बाद गांव में पंचायत बुलाई गई। जिसने मानवता को शर्मसार करते हुए दोनों भाइयों को अजीब सी सज़ा सुनाई। पंचायत का कहना था कि चूंकि इन दोनों से पाप हुआ है, इसलिए इन्हें गंगा स्नान करना होगा। जिसके बाद गांव में भंडारे और कन्या भोज का आयोजन किया जाएगा। 

हालांकि गांव की पंचायत द्वारा इस फैसले की खबर भरौली पुलिस को लग गई। लेकिन जब तक पुलिस दबिश देने पहुंची, तब तक दोनों भाई वहां से फरार हो चुके थे। पुलिस दोनों भाइयों की तलाश कर रही है।