छतरपुर। पीएम मोदी रविवार को मध्य प्रदेश के दौरे पर थे। केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से पीड़ित किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचा था। किसानों द्वारा अपनी व्यथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए समय मांगा गया। जब प्रशासन ने समय देने से इनकार कर दिया तो 15 गांव के किसानों ने पीएम के नाम खून से खत लिखा।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के माध्यम से पीड़ित किसानों का कहना है कि आप जिस केन बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास अति शीघ्र करने जा रहे हैं उस परियोजना मे एक बड़े पर्यंवरणीय नुकसान के साथ हजारों किसान तबाह हो जाएंगे। किसानों ने कहा कि महोदय एक तरफ आपकी सरकार आदिवासियों के विशेष सम्मान की बात करती है वहीं आपके साथ-साथ भाजपा शासित राज्य में आदिवासी क्षेत्र और लोगों की जागरुकता न होने का लाभ उठाया जा रहा है। 

पीड़ित किसानों ने अपने खून से लिखे पत्र में आगे कहा है कि परियोजना के अंतर्गत बिजावर तहसील के 14 गांव और पन्ना तहसील के 7 गांव कुल 21 गांव विस्थापित हो रहे हैं। यहां भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013' कानून लग रहा है। प्रशासन मनमानीपूर्ण रवैया अख्तियार कर कानून का पालन नहीं कर रहा है।

किसानों ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने कई बार ज्ञापन दिए कार्रवाई नहीं होने पर अनिश्चितकालीन धरना और आमरण अनशन जैसे कठिन कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। अपना हक़ मांगने पर हमारे ऊपर कई बार लाठी चार्ज और महिलाओं के साथ बदसलूकी जैसी घटनाएं लगातार हो रही है। हमारी जमीन और घरों का मुआवजा बहुत कम है। हम अपने साथ न्याय की उम्मीद करते हुए आपसे विशेष पैकेज की मांग करते हैं। किसानों ने अपने साथ हो रहे शोषण की व्यथा को अपने खून से लिखकर प्रधानमंत्री के नाम का पत्र बिजावर तहसीलदार को सौंपा है।