खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक आदिवासी महिला की गैंगरेप के बाद हत्या के मामले पर आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया ने दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भूरिया ने 31 मई को भोपाल आ रहे प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि पीएम मोदी भोपाल के महिला सम्मेलन में आने से पहले ये सुनिश्चित करें कि मध्य प्रदेश में बहनों की सुरक्षा कैसे होगी? उन्होंने राज्य में पूर्णकालिक गृहमंत्री की आवश्यकता भी बताई है।
डॉ भूरिया ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में पूर्णकालिक गृह मंत्री दिया जाए क्योंकि सीएम मोहन यादव से गृह मंत्रालय संभल नहीं रहा है। उन्होंने फास्ट ट्रेक कोर्ट बनाने की मांग की है ताकि दोषियों को कड़ी सजा दी जा सके। साथ ही कहा कि राज्य आदिवासी क्षेत्रों में शराब माफिया के राज को नियंत्रित किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी क्षेत्रों में ही सबसे ज्यादा शराब की बिक्री कराई जा रही है। और दूसरे राज्यों में लॉन्चपैड की तरह आदिवासी क्षेत्रों का उपयोग किया जा रहा है।
विक्रांत भूरिया ने खंडवा गैंगरेप का जिक्र करते हुए कहा कि खंडवा में एक ऐसी घटना हुई, जिसमें 45 साल की आदिवासी महिला के साथ सामूहिक बलात्कार होता है। उसके बाद आरोपियों ने शराब के नशे में सरिया डालकर महिला की बच्चादानी बाहर निकाल दी। उस महिला की आंतें बाहर आ गई।उसकी 16 साल की बच्ची जब वहां पहुंची तो मां की हालत देखकर बेहोश हो गई। इस तरह की घटनाएं मप्र में हो रही हैं। जब खंडवा में ये अपराध सामने आया तो प्रशासन मौन बैठा था। हमारे लोग वहां गए और देखा कि जिन डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम कर रहे थे उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि इस तरह के अपराध भी हो सकते हैं।
भूरिया ने कहा कि मैं खुद एक डॉक्टर हूं तो सोच समझ सकता हूं कि जब वो जिंदा होगी तब उसने कितनी यातनाएं और पीड़ा झेली होगी? और उन आरोपियों का मन एक बार भी नहीं पसीजा होगा? उस 16 साल की बच्ची पर क्या बीत रही होगी, ये हम सोच भी नहीं सकते। कांग्रेस नेता ने भोपाल रेप केस का उल्लेख करते हुए कहा कि भोपाल में एक नाबालिग बच्ची के साथ शासकीय रंगारंग कार्यक्रम में रेप होता है। उसे राजधानी में न्याय नहीं मिलता उसे कहा जाता आप 600 किमी दूर मऊगंज जाओ और वहां रिपोर्ट दर्ज कराओ। ये मप्र की स्थिति है। जहां शराबबंदी का नाटक जरूर होता है कि धार्मिक स्थलों पर शराब बंद कर देंगे लेकिन, शराब माफियाओं पर किसी तरह का इस सरकार का नियंत्रण नहीं है। मप्र रेप कैपिटल और शराब कैपिटल बनता जा रहा है।