भोपाल। दीपावली तक स्कूलों को बंद रखने के आदेश का अब निजी संस्थान विरोध कर रहे हैं। निजी स्कूलों से जुड़े एक संगठन ने उच्च शिक्षा विभाग के 15 नवंबर तक स्कूलों को बंद रखने के आदेश का विरोध किया है।

निजी संस्थानों को केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के बाद यह उम्मीद थी कि राज्य में 50 फीसदी छात्रों की उपस्थिति के साथ स्कूल खोले जाने के आदेश जारी किए जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो अब निजी संस्थान राज्य सरकार के खिलाफ एकजुट होने लगे हैं। 

निजी संस्थानों का तर्क है कि शैक्षणिक सत्र में पहले से ही काफी देरी होने की वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। एसोसिएशन ऑफ अन ऐडेड प्राइवेट स्कूल्ज मध्य प्रदेश के अध्यक्ष अनुपम चौकसे ने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने के कारण सरकार द्वारा जारी आदेश पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है।   

हालांकि राज्य के इस फैसले का विरोध कर रहे निजी संस्थानों की नाराज़गी की यह एकमात्र वजह नहीं है। दरअसल ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन की वजह से निजी स्कूल केवल ट्यूशन फीस ही ले पा रहे हैं। ऐसे में निजी संस्थानों पर आर्थिक भार पड़ रहा है। निजी संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है।  

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इससे पहले सोमवार को मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने अपने एक आदेश में 15 अक्टूबर से संभावित तौर पर खुलने वाले स्कूलों को न खोलने का फैसला किया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए अनलॉक 5 के दिशानिर्देश के मुताबिक़ 15 अक्टूबर से स्कूलों को खोला जा सकता है। हालांकि केंद्र सरकार ने अपने दिशानिर्देश में यह स्पष्ट तौर पर कहा था कि स्कूल खोलने या न खोलने पर अंतिम फैसला राज्य सरकारें ही करेंगी। लिहाज़ा मध्य प्रदेश सरकार ने फिलहाल स्कूल न खोलने का निर्णय लिया है।