भोपाल। भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (RERA) के पूर्व चेयरमैन एंटनी डीसा ने अब जा कर अपनी चुप्पी तोड़ी है। सरकार ने डीसा का कार्यकाल रिटायरमेंट से एक महीने पहले ही समाप्त कर दिया था। इस मामले में डीसा ने चार महीने बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार ने उन्हें नियम तोड़कर चेयरमैन के पद से हटाया, जबकि सरकार को उन्हें पद से हटाने का कोई अधिकार नहीं था। 

एंटनी डीसा मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव भी रहा चुके हैं। वे मूलतः गोवा के रहने वाले हैं और अब रिटायरमेंट के चार महीने के बाद वापस अपने गृह राज्य लौटने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन उससे पहले उन्होंने एक हिंदी अखबार दिए अपने इंटरव्यू में अपनी पूरी भड़ास निकाली है। डीसा ने कहा कि उन्हें हटाए जाने के बाद से रेरा की जो हालत हो गई है, उसका कामकाज लगभग ठप हो गया है। यह देखकर उनसे रहा नहीं गया, इसलिए इतने समय बाद अपनी बात सबके सामने रख रहे हैं। 

डीसा ने कहा है कि रेरा चेयरमैन का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। उसे केवल विशेष परिस्थितियों में ही हटाया जा सकता है, साथ ही समय से पहले उसका कार्यकाल समाप्त नहीं किया जा सकता। लेकिन सरकार ने मुझे नियम विरुद्ध जा कर पद से हटाया है। 

किन परिस्थितियों में चेयरमैन को हटा सकती है सरकार 

डीसा ने हिंदी के अख़बार को बताया है कि रेरा चेयरमैन का पद हाईकोर्ट के जज के बराबर का माना गया है। उसे केवल विशेष परिस्थितियों में ही समय से पहले हटाया जा सकता है। मसलन, चेयरमैन अगर मानसिक व शारीरिक तौर पर काम करने में अक्षम हो या उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप लगा हो जिसमें उसे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की जांच समिति द्वारा दोषी पाया जाए। ऐसी असामान्य परिस्थितियों में ही उसे कार्यकाल समाप्त होने से पहले हटाया जा सकता है। डीसा का कहना है कि उनके मामले में ऐसा कुछ भी नहीं था, फिर भी उन्हें नियमों के खिलाफ जाकर हटाया गया।

फिलहाल एंटनी डीसा अपने गृह राज्य लौट रहे हैं। उनका कहना है कि अब वे केवल अपने घर पर रहकर किताबों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। डीसा के मुताबिक अब तक वे दो किताबें लिख चुके हैं। और तीसरी किताब पर काम कर रहे हैं।