सागर| जिले के रहली कस्बे के खमरिया वार्ड की तीन बहनों ने संघर्ष और मेहनत से एक नई मिसाल कायम की है। दर्जी जमना प्रसाद भदौरिया की बेटियां अब पुलिस आरक्षक की वर्दी में नजर आएंगी। सीमित आमदनी और साधनों की कमी के बावजूद इन बहनों ने हार नहीं मानी और पांच साल तक लगातार मेहनत कर अपना सपना साकार किया।

जमना प्रसाद सिलाई का काम करते हैं और पत्नी कुसुम गृहिणी हैं। उन्होंने हर परिस्थिति में अपनी बेटियों की पढ़ाई को प्राथमिकता दी। सबसे पहले बड़ी बेटी माया का चयन हुआ, फिर छोटी बेटी मनीषा को नौकरी मिली और अब मंझली बेटी ज्योति की रायसेन जिले में पोस्टिंग हुई है।

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कोचिंग और सुविधाओं की कमी के बावजूद तीनों बहनों ने एक-दूसरे को पढ़ाया, आत्मविश्वास बढ़ाया और दिन-रात मेहनत की। घरेलू कामों के साथ पढ़ाई करना आसान नहीं था, लेकिन किताबों को अपना साथी बनाकर उन्होंने लिखित और शारीरिक परीक्षा दोनों में सफलता हासिल की।

छोटी बहन मनीषा बताती हैं कि माता-पिता और शिक्षक सलामत सर का विश्वास ही उनकी सबसे बड़ी ताकत बना। वहीं पिता जमना प्रसाद ने भावुक होकर कहा कि जब तीनों बेटियों का चयन हुआ, तो ऐसा लगा जैसे हमारा सपना पूरा हो गया हो। आज गांवभर में उनके परिवार को एक प्रेरणा के रूप में देखा जा रहा है।