भोपाल। उज्जैन संभाग के शाजापुर जिला कलेक्टर दिनेश जैन को स्कॉच सिल्वर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान अपने कार्य में किए गए नवाचार के लिए दिया गया है। कलेक्टर ने कोरोना महामारी के बीच शाजापुर के ग्रामीणों की समस्याएं जानी और फिर उनका निराकरण किया। कलेक्टर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हर हफ्ते ग्रामीणों से वन टू वन चर्चा की थी।

कोरोना संक्रमण काल में कलेक्टर दिनेश जैन ने जनसुनवाई का नया तरीका निकाला और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिले की 240 ग्राम पंचायतों को जोड़ा। सभी ग्राम पंचायतों के साथ सरपंचों और ग्रामीणो से वन-टू-वन संपर्क करके उनकी परेशानियां सुनीं और उनका हर संभव निराकरण किया। इसी नवाचार को लेकर 19 नवंबर को कलेक्टर दिनेश जैन ने स्कॉच अवार्ड के लिए नॉमिनेशन करवाया था।

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इसके तहत 4 से 6 दिसंबर तक वोटिंग की गई। शाजापुर जिले को 21 दिसंबर को सेमीफाइनल में जगह मिली। वहीं सेमीफाइनल के बाद 22 दिसंबर को स्कॉच अवार्ड की टीम के सामने कलेक्टर ने अपने कार्यों से संबंधित ऑनलाइन प्रतिवेदन पेश किया। इसी रिपोर्ट के आधार पर शाजापुर कलेक्टर को सिल्वर स्कॉच अवार्ड से नवाजा गया। इस अवार्ड को पाने और योजना को सफल करने में ई-गवर्नेंस के प्रबंधक बिरमसिंह सोंधिया और दिनेश जैन के साथ कार्यरत सभी कर्मचारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड पाने वाले शाजापुर कलेक्टर ने जागरूक जनता, अधिकारियों, कर्मचारियों के परिश्रम, स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग की सराहना की है। उनका कहना है कि यह सभी की मेहनत का परिणाम है उन्होंने सभी का आभार जताया है।

गौरतलब है कि कलेक्टर दिनेश जैन के प्रयासों का ही नतीजा है कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के जरिए मिलने वाली शिकायतों का निराकरण करने के लिए उन्होंने 6 शिकायतकर्ताओं से वाट्सएप वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात की और उनका निराकरण करने का काम किया। दिनेश जैन ने शाजापुर में माफियाओं के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की है।  

दिनेश जैन मूल रूप से सागर जिले के जरुआखेड़ा के निवासी हैं। शाजापुर कलेक्टर बनने से पहले वे सदस्य राज्य लोक सेवा आयोग और अपर कलेक्टर इंदौर के रूप में कार्यरत थे। दिनेश जैन 1996 बैच के अधिकारी हैं, उन्होंने एमपीपीएससी परीक्षा में टॉप किया था। पीएससी में चयन होने के बाद उन्होंने प्रदेश के कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी उठाई। कलेक्टर दिनेश जैन की शुरुआती पढ़ाई लिखाई जरुआखेड़ा गांव में ही हुई है। उनके पिता   नगर सेठ थे जिनका नाम स्वर्गीय लख्मी चंद जैन है। वे अपने भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। शाजापुर कलेक्टर के भाई पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र जैन जरुआखेड़ा में ही रहते हैं।

गौरतलब है कि SKOCH अवार्ड की शुरुआत सन 2003 में हुई थी। यह अवार्ड भारत को बेहतर राष्ट्र बनाने के लिये अतिरिक्त प्रयास करने वाले लोगों, परियोजनाओं और संस्थानों को दिया जाता है। यह एक स्वतंत्र संगठन SKOCH फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाने वाला देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह अवार्ड डिजिटल, वित्तीय एवं सामाजिक समावेशन के क्षेत्र में किये गए सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के लिये दिया जाता है।