कृषि बिल के समर्थन में बीजेपी को नहीं मिला किसान, पोस्टर वाले किसान ने किया क़ानूनी केस का दावा

बीजेपी की पंजाब इकाई ने अपने विज्ञापन में बिना पूछे किसान और ऐक्टर हरप्रीत सिंह की फ़ोटो लगा दी, अब जाननेवाले लोग दे रहे हैं पोस्टर ब्वॉय का ताना

Updated: Dec 23, 2020, 06:13 PM IST

Photo Courtesy: Aaj Tak.in
Photo Courtesy: Aaj Tak.in

चंडीगढ़। बीजेपी ने अपने विज्ञापन में जिस किसान की तस्वीर को कृषि कानूनों के पक्ष में दलील के लिए लगाया, वो उल्टा पड़ गया है। पंजाब में होशियारपुर के किसान हरप्रीत सिंह ने उनकी फोटो के बेजा इस्तेमाल के खिलाफ बीजेपी को कानूनी नोटिस भेजने का दावा किया है। हरप्रीत का कहना है कि वो 26 नवंबर से ही किसान आंदोलन के साथ हैं और सिघू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन में मोर्चे पर डटे हुए हैं। किसान हरप्रीत सिंह का कहना है कि विज्ञापन में उनकी तस्वीर गैरकानूनी तरीके से लगाई गई है, लिहाज़ा वे अब लीगल नोटिस भेजने की तैयारी कर रहे हैं। 

7 साल पहले सोशल मीडिया पर डाली थी फोटो 

35 वर्षीय हरप्रीत पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले हैं। हरप्रीत पेशे से किसान भी हैं और ऐक्टिंग भी करते हैं। हरप्रीत का कहना है कि उनकी जिस तस्वीर को बीजेपी अपने विज्ञापन में इस्तेमाल कर रही है, वो तस्वीर उन्होंने लगभग 6-7 साल पहले सोशल मीडिया पर डाली थी। हरप्रीत का कहना है कि बीजेपी ने अपने विज्ञापन में उनकी तस्वीर को बिना जानकारी और बिना उनकी इजाज़त के लगाई है।

बीजेपी का नहीं, मैं किसानों का पोस्टर बॉय हूं: हरप्रीत सिंह

हरप्रीत सिंह पिछले दो हफ्तों से सिंघू बॉर्डर पर किसानों के इस आंदोलन का हिस्सा हैं। लेकिन जब से बीजेपी की पंजाब इकाई ने उनकी तस्वीर का दुरुपयोग किया है, हरप्रीत का कहना है कि लोग उन्हें बीजेपी का पोस्टर बॉय कह रहे हैं। हरप्रीत ने एनडीटीवी को बताया कि उन्हें लगातार फोन आ रहे हैं और लोग बीजेपी के पोस्टर बॉय की संज्ञा मुझे दे रहे हैं। लेकिन मैं बीजेपी का नहीं किसानों का पोस्टर बॉय हूं।

किससे पूछकर बीजेपी ने लगाई तस्वीर 

हरप्रीत में मुताबिक उन्हें WhatsApp के ज़रिए इस बात की जानकारी मिली की बीजेपी ने अपने विज्ञापन में उनकी तस्वीर को चस्पा किया है। हरप्रीत का कहना है कि बीजेपी ने गैरकानूनी तरीके से उनकी तस्वीर का उपयोग किया है, लिहाज़ा वे बीजेपी के खिलाफ लीगल नोटिस भेजने की तैयारी कर रहे हैं।

विडंबना यह है कि कृषि कानूनों के समर्थन में विज्ञापन करने के लिए बीजेपी को एक ऐसा किसान नहीं मिल पा रहा है जो कृषि कानूनों के समर्थन में हो। बीजेपी तस्वीर भी उसी किसान की लगा रही है जो खुद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। बीजेपी तस्वीरों के न बोल पाने का फायदा उठा रही है।