भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण लगभग 9 हजार 500 करोड़ की हानि का प्रारंभिक आकलन है। मध्यप्रदेश में बीते पखवाड़े अतिवर्षा से हुई हानि की विस्तृत जानकारी केन्द्र सरकार को दी गई है। सर्वे कार्य निरंतर जारी है और अधिक नुकसान की स्थिति भी सामने आ सकती है। राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों को अधिकाधिक सहायता दी है।

मुख्यमंत्री चौहान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का अवलोकन और अध्ययन करने आए केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों से चर्चा में यह बात कही। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि अतिवर्षा और बाढ़ से 24 जिलों में लगभग 11 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का नुकसान हुआ है। करीब 11 लाख 34 हजार किसान प्रभावित हुए हैं। लगभग 60 हजार मकान बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए। सरकार ने फौरी राहत के लिए पूरे प्रयास किए हैं। अभी भी लोगों को राहत की आवश्यकता है। 

चौहान ने कहा कि फसल बीमा और राहत राशि से नुकसान की भरपाई की जा रही है, परन्तु कीट-व्याधि से हुए नुकसान की पूर्ति के लिए केन्द्र से सहयोग चाहिए। उन्होंने कहा कि कीट-व्याधि के कारण फसलों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है। प्रदेश का राजस्व अमला उस नुकसान का सर्वे कर रहा है। उन्होंने कीट-व्याधि से हुए नुकसान के आकलन के लिए भी पृथक से केन्द्रीय अध्ययन दल भेजे जाने का अनुरोध किया। बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यत: सोयाबीन, मक्का तथा चने की फसल कीट व्याधि से प्रभावित हुई है। प्रदेश में 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें और 17 लाख कृषक कीट-व्याधि से प्रभावित हैं।