भोपाल। देश भर में चल रहा SIR का काम अब जानलेवा साबित हो रहा है। काम का दबाव इस कदर बढ़ गया है कि BLO मौत को गले लगाने को मजबूर हो रहे हैं। मध्य प्रदेश में अबतक पांच BLOs की मौत हो चुकी है, जबकि एक महिला BLO हार्ट अटैक के बाद जिंदगी और मौत से जूझ रही है। वहीं, एक BLO लापता है। इनमें अधिकांश मामलों में परिवारों ने अत्यधिक कार्यभार, खासकर SIR से जुड़े दबाव को जिम्मेदार ठहराया है। परिवारों का आरोप है कि ये बीएलओ मतदाता सूची से जुड़े भारी दबाव में थे।
मध्य प्रदेश में SIR की ड्यूटी पर लगाए गए सभी पांच मृतक शासकीय शिक्षक थे। दतिया के 50 वर्षीय उदयभान सिहारे, सलोनबी गांव (पंदोखर) प्राइमरी स्कूल के टीचर थे। वे स्कूल के शौचालय में फांसी पर लटके मिले। परिवार ने आरोप लगाया कि वह न मोबाइल चलाना जानते थे, न गाड़ी चलाना। SIR में ड्यूटी लगने के बाद काफी दबाव में थे और बार-बार कहते थे इस ड्यूटी से छुटकारा दिलाओ।
इसी तरह झाबुआ के 50 वर्षीय भुवन सिंह चौहान सोलिया गांव में टीचर थे। वे बीते दिनों SIR ड्यूटी के दौरान बेहोश होकर गिर गए और अगले दिन उनकी मौत हो गई। वहीं, रायसेन निवासी 45 वर्षीय रामकांत पांडेय मंडीदीप में BLO थे। SIR के वर्क प्रेशर में उनकी मौत हो गई। दमोह निवासी 50 वर्षीय सीताराम गोंड रंजरा गांव में टीचर थे। SIR ड्यूटी के दौरान वे बेहोश हो गए और अगले दिन उनकी मौत हो गई।
दमोह निवासी श्याम सुंदर शर्मा, तेंदूखेड़ा के सिमरिया स्कूल के टीचर थे। उन्हें भी BLO कि जिम्मेदारी दी गई थी। SIR का काम करते हुए ड्यूटी के दौरान सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। यह हादसा निलंबन की धमकी मिलने के ठीक एक दिन बाद हुआ। वहीं, रायसेन निवासी 45 वर्षीय नारायण दास सोन SIR ड्यूटी लगने के बाद से लापता हैं।
प्रदेश में बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) की लगातार मौतों ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है। परिजनों का आरोप है कि यह सभी लोग काफ़ी दबाव में थे, रोज़ निलंबन की धमकी मिलती थी। वे उचित ट्रेनिंग न मिलने और सर्वर बार-बार हैंग होने की वजह से, काफ़ी दबाव में थे। बता दें कि राज्य में कुल 65 हजार BLO हैं जिन्हें 72 हजार बूथों की जिम्मेदारी दी गई है। इनमें करीब 15,000 टीचर हैं।
इन घटनाओं को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि MP में BLOs पर जबरन नाम काटने का दबाव बनाया जा रहा है। जिससे वे काफी परेशान हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि पात्र लोगों के नाम काटेंगे तो आने वाले समय में उन पर कार्रवाई होगी। साथ ही बीएलओ को काम करने के लिए बहुत कम समय मिला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को लिखित में समय बढ़ाने की मांग की है।