उज्जैन। नगर निगम ने लोगों के ठहरने के लिए शहर में रैन बसेरे तो बनवा दिए लेकिन उनकी देखभाल और रखरखाव की तरफ निगम का कोई ध्यान नहीं है। नगर निगम के ये रैन बसेरे अब इतने जर्जर हो चुके हैं कि इनमें ठहरने वाले अतिथियों की जान जोखिम में रहती है। रविवार को ऐसे ही एक दुर्घटना में महाकाल के दर्शन करने आए दो श्रद्धालुओं के ऊपर रैन बसेरे की छत का प्लास्टर टूटकर गिर गया जिससे वे दोनों घायल हो गए। 

नगर निगम ने गरीब वर्ग के श्रद्धालुओं और बस स्टैंड पर आने वाले यात्रियों के लिए देवासगेट बस स्टैंड के ऊपर एक रैन बसेरा शुरु किया था। रविवार को नगर निगम के इसी रैन बसेरे में एक हादसा हो गया। दरअसल रविवार की रात को रैन बसेरे में 17 लोग ठहरे हुए थे। तभी रात करीब 12.30 बजे रैन बसेरे की छत का प्लास्टर टूटकर नीचे सो रहे लोगों पर गिर गया। जिससे राजस्थान निवासी मांगीलाल और सागर निवासी अंकुर साहू घायल हो गए।

यह देख रैन बसेरे में सो रहे सभी लोगों में हड़कंप मच गया। सभी लोग उठकर रैन बसेरे के कमरे से बाहर निकले। इसके बाद लोगों ने घायल हुए दोनों व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाया। जहां दोनों का इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि घायल हुए दोनों लोग बाबा महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आए थे और रात को रैन बसेरे में आराम करने के लिए रुके थे। 

बता दें बीते महीने भी इस रैन बसेरे का प्लास्टर गिरने के बाद निगम के अधिकारियों को सूचना दी गई थी। निगम ने रैन बसेरे की जर्जर हालत को ठीक करने की बजाए कई कमरों में ताला जड़वा दिया। लेकिन अब चालू कमरों में भी प्लास्टर गिरने की घटना हो गई है। निगम अब भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। हालांकि कागजों में कई बार इन रैन बसेरों को आधुनिक बनाने की बातें की जा चुकी हैं।