उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की भस्मारती में पूरी क्षमता के साथ आम भक्त को प्रवेश देने का फैसला लिया गया है। 15 मार्च से श्रद्धालु कोरोना नियमों का पालन करते हुए भस्म आरती में शामिल हो सकेंगे। बाबा महाकाल का अभिषेक करने के लिए गर्भगृह में भी जाने दिया जाएगा। करीब 10 महीने बाद यह सुविधा बहाल की जा रही है।

कोरोना लॉकडाउन की वजह से भस्म आरती में भक्तों के शामिल होने पर रोक लगा दी गई थी। महाकाल मंदिर के पुजारी ही सुबह चार बजे भस्म आरती करते थे। अब महाकाल मंदिर प्रबंधन की बैठक के बाद फैसला लिया गया है कि अब यहां पहले की तरह श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा।

महाकाल की शयन आरती में भक्त मंगलवार रात से ही शामिल हो सकेंगे। शयन आरती का समय रात 10.15 मिनट तक बढ़ा दिया गया है। महाकाल के दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग के जरिए प्रवेश दिया जाता है।

भस्म आरती देखने के लिए मंदिर के कक्ष में करीब दो हजार लोगों के एक साथ बैठने का इंतजाम रहता है। मंदिर के गणेश मंडपम् में 1580 लोग , कार्तिकेय मंडपम् में 350 लोग और नंदी हॉल में 70 लोगों के बैठने का इंतजाम है। अब भक्त पहले की तरह यहां बैठकर बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन कर सकते हैं। 

21 मार्च 2020 से महाकाल मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद था। करीब 78 दिनों बाद 8 जून से मंदिर दोबारा खुला था। लेकिन कोरोना के मद्देनजर भस्म आऱती में भक्तों के शामिल होने पर रोक लगी थी। जिसे 15 मार्च से हटाया जा रहा है।