सुचिंद्रम। कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का आज दूसरा दिन है। सुबह करीब 7 बजे कन्याकुमारी के अगस्तीस्वरम से शुरू होकर यह यात्रा ऐतिहासिक सुचिंद्रम कस्बे में पहुंची। आजादी की लड़ाई में इस कस्बे का भी योगदान है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब भारतवासियों को एकजुट करने में लगे थे तब सन् 1937 में इस कस्बे में उनका आगमन हुआ था।



भारत जोड़ो यात्रा के पदयात्री आज इस कस्बे में स्थित 101 साल पुरानी S.M.S.M HR Sec School में रुके हैं। इस ऐतिहासिक स्कूल में दोपहर के विश्राम के बाद वे आगे बढ़ेंगे। महात्मा गांधी भी सन् 1937 में दक्षिण भारत के दौरे के दौरान इसी स्कूल में रुके थे। वे यहां महान स्वतंत्रता सेनानी सी राजगोपालाचारी के साथ आए थे।





S.M.S.M HR Sec School प्रशासन ने आजतक महात्मा गांधी और सी राजगोपालाचारी के हस्ताक्षर को सहेजकर रखा है। करीब 85 साल पुराने कागज (जो अब पीली पड़ चुकी है) पर बापू के हस्ताक्षर बड़े-बड़े अक्षरों में देखा जा सकता है। स्कूल के हेडमास्टर जे. कन्नन ने हम समवेत को बताया कि इस स्कूल में महात्मा गांधी कुछ दिन रुके थे। 



पैदल यात्रा के बाद विश्राम के लिए स्कूल में पहुंचे पदयात्रियों का उत्साह देखते बन रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ता और सिविल सोसाइटी के लोगों का कहना है कि बापू के इस सजीव धरोहर को देखकर उनकी सारी थकान मिट गई और उन्हें दोगुनी ऊर्जा के साथ नफरत के खिलाफ इस लड़ाई में आगे बढ़ने का हौसला मिला है।