कोलकाता/नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल AIMIM के अध्यक्ष एसके अब्दुल आज तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उन्होंने आज अपनी पार्टी के कुछ और नेताओं के साथ तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। राज्य में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसे ममता बनर्जी की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। 

AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष का टीएमसी में शामिल होना ममता बनर्जी के लिए इसलिए भी अच्छी खबर है, क्योंकि इस मर्तबा राज्य में होने वाला चुनाव पिछले चुनावों से एकदम अलग है। बीजेपी ने पूरे राज्य में ममता के खिलाफ एक अभियान छेड़ रखा है। टीएमसी के कुछ बड़े नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। ऐसे माहौल में AIMIM ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने का एलान करके ममता की चिंता और बढ़ा दी थी। ऐसे में AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष का तृणमूल में शामिल होना ममता बनर्जी के लिए राहत देने वाली घटना है। 

                                                                                                                 Photo Courtesy: Twitter 

झटका किसे लगा है, AIMIM को या BJP को

एसके अब्दुल कलाम का टीएमसी में शामिल होना AIMIM के लिए तो बड़ा सदमा है ही, लेकिन साथ ही यह बीजेपी के लिए भी बड़ा झटका साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए कि AIMIM पश्चिम बंगाल में जितनी मज़बूती से विधानसभा चुनाव लड़ती, राज्य में बीजेपी को उतना ही फायदा हो सकता था। AIMIM के चुनाव लड़ने से बीजेपी को कितना फायदा होता है, इसकी मिसाल हाल ही में हुए बिहार चुनाव में देखने को मिल चुकी है। हालांकि AIMIM अध्यक्ष के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का ममता बनर्जी को चुनाव में कितना लाभ होगा, यह तो आने चलकर ही पता चलेगा। लेकिन पिछले कुछ अरसे के दौरान जिस तरह तृणमूल कांग्रेस के कई अहम नेताओं ने पार्टी छोड़ी, उसके बाद एसके अब्दुल कलाम का पार्टी में शामिल होना ममता बनर्जी के लिए राहत देने वाली खबर तो ज़रूर है।