गुवाहाटी। असम के जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ता अखिल गोगोई ने केंद्रीय जांच एजेंसी NIA पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन करने के चलते बीते एक साल से जेल में बंद गोगोई ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि एनआईए ने उन्हें जमानत के बदले RSS ज्वॉइन करने का प्रस्ताव दिया है। गोगोई का कहना है कि एनआईए अधिकारियों ने उन्हें धमकी दी कि यदि वे RSS से नहीं जुड़ेंगे तो फिर 10 साल कैद में रहना होगा।

आखिल गोगोई का एनआइए अधिकारियों के खिलाफ यह पत्र सामने आने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। गोगोई के दावे के बाद विपक्ष के उन आरोपों को और बल मिल गया है जिसमें कई पार्टियां यह दावा करती रही हैं कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। मामले पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि NIA भाजपा के पक्ष में खुले रूप से काम कर रही है इसका एक और प्रमाण सामने आ गया है।

जेल में दी गई यातनाएं

गोगोई की नवगठित पार्टी रायजोर दल द्वारा जारी पत्र में यह खुलासा किया गया है कि गोगोई को अदालत की अनुमति के बिना 18 दिसंबर, 2019 को दिल्ली ले जाया गया था। पत्र में गोगोई ने लिखा, ‘मुझे एनआईए मुख्यालय में लॉकअप संख्या एक में रखा गया था और केवल एक गंदा कंबल दिया गया था। मैं तीन-चार डिग्री सेल्सियस तापमान में जमीन पर सोया।' गोगोई ने आरोप लगाया कि एनआईए अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान उन्हें आरएसएस में शामिल होने पर तत्काल जमानत दिए जाने का प्रस्ताव दिया था। 

मंत्री बनने तक का ऑफर मिला

गोगोई ने आगे कहा कि आरएसएस में शामिल होने के इस अपमानजनक प्रस्ताव को मानने से इनकार करने पर उन्हें कहा गया कि वे बीजेपी में शामिल हो जाएं। बतौर गोगोई अधिकारियों ने कहा, 'बीजेपी में शामिल हो जाओ जमानत के साथ किसी खाली सीट से टिकट देकर विधानसभा चुनाव भी लड़ाया जाएगा और मंत्री बनने का मौका मिलेगा। इस बात का विश्वास दिलाने के लिए उन्हें राज्य के सीएम या किसी प्रभावशाली नेता से मुलाकात कराने की भी बात कही गई। 

धर्मांतरण के खिलाफ काम करने के लिए 20 करोड़ का ऑफर

गोगोई ने पत्र में यह भी दावा किया है कि एनआइए के अधिकारियों उन्हें केएमएसएस छोड़कर एक एनजीओ खोलने का भी प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव के तहत उन्हें असम के लोगों का इसाई धर्म में धर्मांतरण के खिलाफ काम करना होगा। इसके लिए उनके एनजीओ को 20 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। गोगोई का आरोप है कि उन्होंने जब एक के बाद एक सारे प्रस्तावों को ठुकरा दिया तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। जांच एजेंसी के बड़े अधिकारियों ने कहा कि हमारे प्रस्तावों को ठुकराने बदले तुम्हें कम से कम 10 साल जेल में बिताना होगा, या जान से मार भी दिए जा सकते हो। 

गोगोई ने पत्र में आगे बताया है कि इतनी शारिरिक व मानसिक यातनाएं सहने के बाद 20 दिसंबर को उनकी तबियत बेहद खराब हो गई थी। बता दें कि सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान 12 दिसंबर, 2019 को अखिल गोगोई को जोरहाट से गिरफ्तार किया गया था। 13 दिसंबर को असम पुलिस ने उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया और 14 दिसंबर जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपा गया। NIA ने गोगोई के खिलाफ आरोप लगाया है कि उन्होंने सरकार के खिलाफ नफरत भड़काई है।'