मुंबई। रिपब्लिक टीवी चैनल के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसाने के कथित मामले में सुप्रीम कोर्ट से भले ही राहत मिल गई हो, लेकिन उनकी मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं। मुंबई पुलिस की एक महिला अधिकारी के साथ मारपीट के आरोप में अर्णब गोस्वामी और उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज मामले में अग्रिम जमानत की याचिकाओं पर आज मुंबई की सेशन्स कोर्ट में सुनवाई होगी।

एनएम जोशी पुलिस स्टेशन में अर्णब गोस्वामी के खिलाफ पुलिस अधिकारियों के काम में बाधा डालने और महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित मारपीट करने का मामला दर्ज किया गया। अर्णब गोस्वामी पर आरोप है कि आत्महत्या के लिए कथित रूप से उकसाने के एक मामले में जब पुलिस अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पहुंची, तो उन्होंने महिला अधिकारी पर कथित तौर पर हमला किया और पुलिस वालों को उनका काम करने से रोका।

बता दें कि अर्णब गोस्वामी और उनकी पत्नी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालना), 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर किसी को अपमानित करना) और 506 (आपराधिक रूप से डराना/धमकी देना) और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से जुड़े कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अर्णब के वकील श्याम कल्याणकर का दावा है कि गोस्वामी और उनकी पत्नी ने गैरकानूनी गिरफ्तारी का सिर्फ मौखिक विरोध किया था। ना तो गोस्वामी और ना ही उनकी पत्नी ने किसी पुलिस अधिकारी के साथ धक्का-मुक्की की। वकील का दावा है कि उस वक्त करीब 40 सशस्त्र पुलिसकर्मी वहां मौजूद थे। उन्होंने सवाल खड़े किए कि इतनी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद होने के बाद कौन सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डाल सकता है।